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राज्यसभा में आज पेश होगा नागरिकता संशोधन विधेयक बिल

राज्यसभा में आज पेश होगा नागरिकता संशोधन विधेयक, बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का है प्रावधान, लोकसभा में सोमवार को ही पारित हो चुका है विधेयक।लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के बाद आज सरकार इसे राज्यसभा में पेश करेगी। अंक गणित के लिहाज़ से केंद्र सरकार बिल के प्रति समर्थन को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। हांलाकि पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि पूर्वोत्तर के लोगों को डरने की जरुरत नहीं है । नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में आसानी से पास कराने के बाद अब सरकार इसे राज्यसभा में पास कराने की तैयारी में लग गयी है । लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े. जबकि, विपक्ष में 80 वोट। माना जा रहा है कि जेडीयू बीजेडी, वाईएसआर और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी ।हालांकि लोकसभा में सरकार का समर्थन करने वाली शिवसेना के सुर कुछ बदले नजर आ रहे हैं । इस बीच पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं । असम में दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन पर असर पडा है । मणिपुर , त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं ।यहां लोगों को इस बात का डर है कि नागरिकता बिल के कानून बन जाने के बाद जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति को खतरा पैदा हो जाएगा। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि पूर्वोत्तर के लोगों को डरने की जरुरत नहीं है। पूर्वोत्तर राज्यों के सांसद भी इस बिल के पारित होने पर खुश हैं।इस बीच नागरिकता संशोधन विधेयक पर अमेरिकी संघीय आयोग की आलोचनात्मक टिप्पणी को गलत बताते हुए भारत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक से उसकी नागरिकता नहीं छीनता है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि “यूएससीआईआरएफ द्वारा अपनाया गया रुख उसके पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए चौंकाने वाला नहीं है। हालांकि यह खेदपूर्ण है कि उस मामले में संस्था ने अपने पूर्वाग्रह और पक्षपातपूर्ण रवैये से निर्देशित होना चुना जिस पर उसका ज्ञान बेहद सीमित है तथा जिस पर उसका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।”

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