चंडीगढ़ – मिशन तंदुरुस्त पंजाब 2.0 के अंतर्गत आज सी.एस.आई.आर-इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टैक्रोलॉजी (इमटैक) द्वारा पंजाब सरकार के विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और वातावरण विभाग के साथ आपसी सहमति का समझौता सहीबद्ध किया गया है जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य और वातावरण सम्बन्धी मुद्दों का साझे तौर पर हल करने के साथ-साथ मिशन इनोवेट पंजाब के अंतर्गत राज्य को रिर्सच और इनोवेशन हॅब बनाना शामिल है।समझौते के अनुसार दोनों संस्थाएं पंजाब में रिर्सच एंड इनोवेशन (आर एंड आई) के लिए रचनात्मक माहौल सृजन करने सम्बन्धी यत्न करेंगी जिससे प्रतिस्पर्धा, आर्थिक विकास और मानक नौकरियाँ पैदा करने को बढ़ावा दिया जा सके। विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण विभाग और इमटैक ने पानी के मानक की जांच और निरीक्षण के लिए साझे तौर पर कई क्षेत्रों की पहचान की है और राज्यभर में पानी के प्रदूषण से होने वाली बीमारियों संबंधी तकनीकी अध्ययन कर रहे हैं।यह समझौता विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और वातावरण विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.के. वर्मा और डायरैक्टर इमटैक डॉ. मनोज राजे द्वारा सहीबद्ध किया गया है जिसका उद्देश्य बायोरीमैडीएशन समेत पानी के मानक की जांच और सुधार के लिए नवीन और कम लागत वाले बायोसैंसर और माइक्रोबायल टैक्रोलॉजी आधारित तकनीकों सम्बन्धी राज्य में विशेष प्रोजैक्ट शुरू करना है।जि़क्रयोग्य है कि तंदुरुस्त पंजाब मिशन पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा शुरू किया गया था जिससे शुद्ध हवा, मानक पानी, पौष्टिक भोजन और सेहतमंद वातावरण पर आधारित मापदण्डों में सुधार करते हुए पंजाब को सबसे सेहतमंद राज्य बनाया जा सके।श्री वर्मा ने बताया कि रिर्सच एंड इनोवेशन के लिए सहयोग देने के अलावा इमटैक फसलों की बीमारियों का पता लगाने और जांच में भी राज्य की सहायता करेगा। उन्होंने बताया कि यह पंजाब के बाहर स्थित लाईफ़ साइंस उद्योगों और स्टार्ट-अप के लाभ के लिए अति आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ इसके प्रस्तावित कौशल विकास केंद्र का विस्तार भी करेगा।डॉ. मनोज राजे ने कहा कि इस समझौते को सही अर्थों में लागू किया जायेगा और पहले कदम के तौर पर इमटैक पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ मिलकर एंटी-माइक्रोबियल रसिस्टैंस, जो कि राज्य में मानवीय स्वास्थ्य के लिए एक ख़तरा है, संबंधी यू.के. रिर्सच इनोवेशन को साझे तौर पर प्रस्ताव देने जा रहा है।