मालदीव की यात्रा पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वहां के राष्ट्रपति इब्राहीम मोहम्मद सोलिह से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने की दिशा में उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा।
सुषमा स्वराज अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत रविवार को मालदीव पहुंचीं थी। मालदीव में पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति इब्राहीम मोहम्मद सोलिह की सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की ओर से द्वीपीय देश की यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है। हिंद महासागर में स्थित मालदीव भारत के लिये सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने राष्ट्रपति सोलिह, विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की।
विदेश मंत्री और सोलिह ने दिसंबर 2018 में अपनी भारत यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति का जायजा लिया। सुषमा ने रविवार को मालदीव में अपने समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद के साथ बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों के तमाम पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बीते तीन महीने में दोनों देशों के बीच कई बार हुई उच्च स्तरीय आदान-प्रदान का उल्लेख किया।
उन्होंने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा और दिसंबर में भारत की अपनी यात्रा को याद किया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद एक संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक हुई जिसमें सुषमा ने शाहिद, रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी, वित्त मंत्री इब्राहीम अमीर एवं अन्य मंत्रियों से चर्चा की। उन्होंने मालदीव के गृह मंत्री इमरान अब्दुल्ला से भी मुलाकात की और द्विपक्षी संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने की दिशा में उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की।
एक संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘विदेश मंत्री शाहिद ने अपनी सरकार की ‘‘भारत-पहले नीति’’ दोहराई और कहा कि उनकी सरकार सभी मुद्दों पर भारत के साथ काम करने की दिशा में आशान्वित है। उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव भारत की सुरक्षा और सामरिक चिंताओं के प्रति संवेदनशील बना रहेगा।
