जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने चार अलगाववादी नेताओं मीरवाइज उमर फारुक,
अब्दुल गनी बट, शब्बीर शाह और बिलाल लोन की सुरक्षा तुरंत प्रभाव से ली
वापस। आदेश के मुताबिक, राज्य में गैर सरकारी लोगों को दी जा रही गैर
ज़रूरी सुरक्षा में पुलिस संसाधनों की हो रही बर्बादी की तुरंत समीक्षा
करने की है ज़रूरत।
पुलवामा हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन
ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार की ओर से अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा
वापस ले ली गई है, जिनमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन
मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट, शब्बीर शाह और बिलाल लोन शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस इस बात की समीक्षा करेगी कि अगर किसी अन्य
अलगाववाजी के पास सुरक्षा या अन्य कोई सुविधा है तो उसे तत्काल वापस ले
लिया जाएगा। इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर दौरे में कहा था
कि पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से निधि प्राप्त करने वाले
लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।
