चंडीगढ़ – आलू की फ़सल की कीमतें गिरने पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने संकट में से गुजऱ रहे आलू काश्तकारों के साथ अपनी सरकार की तरफ से पूर्ण एकजुटता ज़ाहिर करते हुए सदन को यह मामला पहल के आधार पर हल करने का भरोसा दिया। विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला द्वारा पेश किये गये ध्यान आकर्षण नोटिस पर मुख्यमंत्री जिनके पास कृषि विभाग भी है, की तरफ़ से ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने जवाब दिया जिसके दौरान मुख्यमंत्री ने दख़ल देते हुए उक्त विचार ज़ाहिर किये। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने सूबे में से आलू और चीनी रूस, यू.ए.ई., ईरान और श्रीलंका को निर्यात करने की इजाज़त देने की माँग पहले ही केंद्र सरकार के पास उठाई है जिससे इन फसलों का अच्छा भाव हासिल किया जा सके। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी के निजी दख़ल की माँग करते हुए उनको यह फसलें निर्यात करने के लिए पंजाब को इजाज़त देने के लिए केंद्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय को हिदायत करने के लिए कहा है जिससे आलू और गन्ने की फसलों की कीमतों में होते उतार-चढ़ाव को स्थिर बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार यह फसलों निर्यात करने के लिए सूबा सरकार को हरी झंडी दे देती है तो इसके साथ अच्छा भाव मिलने और उत्पादन के निश्चित रूप से मंडीकरन के रूप में किसानों को बहुत बड़ा लाभ होगा।आलू की कीमतों कम होने के कारण पैदा हुए संकट में से उत्पादकों को निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि सूबा सरकार मिड डे मील, जेलें और अन्य सरकारी विभागों में आलू के उपभोग बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे जिससे फ़सल की कीमतों को स्थिर किया जा सके।
