फूड कोर्ट और मार्शल आर्ट रहे विशेष आकर्षण का केंद्र
चंडीगढ़ – यहाँ करवाया जा रहा मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल -2018 आज अपनी अमिट छाप छोड़ता हुआ समाप्त हो गया। स्थानीय लेक क्लब में करवाए गए इस फेस्टिवल के दौरान बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया और आनंद माना। इस फेस्टिवल के तीन दिनों के दौरान फूड कोर्ट और मार्शल आर्ट के प्रदर्शन, ऑपरेशन विजय से सम्बन्धित हथियारों की प्रदर्शनी, मिलिट्री आर्ट एंड फोटोग्राफी प्रदर्शनी के अलावा कलैरियन कॉल थियेटर में सैन्यमसलों पर विचार विमर्शों ने बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान खींचा। इस फेस्टिवल के दौरान फूड कोर्ट में पंजाबी, राजस्थानी, दक्षिण भारतीय, कौंटीनैंटल के अलावा आज के समय के फास्ट फूड के लगे काउंटरों पर लागों की काफी भीड़ देखने को मिली। इस मौके पर परंपरागत सैन्य पकवान, मक्खन, लस्सी और वेरका के दूध उत्पादों की भी काफ़ी माँग रही और लोगों ने इनका खूब मज़ा लिया। चित्तकारा यूनिवर्सिटी और होशियारपुर के फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों की तरफ से बनाऐ गए स्वादिष्ट पकवानों ने सबका मन मोह लिया। यहाँ ख़ास बात यह रही कि भारतीय सेना की अलग -अलग रैजीमैंटों की तरफ से दिखाए मार्शल आर्ट जैसे कि गतका, फिलीपीन मार्शल नाच, खुखरी नाच और इसके अलावा भंगड़ों का भी लोगों ने खूब लुत्फ़ लिया।इस मौके पर कलैरियन कॉल थियेटर भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा जहाँ कई सैन्य मसलों पर विचार विमर्श हुआ जिनमें से कारगिल की जंग के दौरान भारतीय सेना द्वारा टाइगर हिल और राजा पिकेट पर कब्ज़ा करना प्रमुख विषय रहे। इस दौरान कारगिल की जंग के दौरान ही भारतीय वायु सेना द्वारा दिखाऐ गए बहादुरी के कारनामों की चर्चा भी की गई और लोग कारगिल जंग के दौरान टाइगर हिल की जीत के दौरान 8 सिख रेजीमेंट की बहादुरी के किस्सों और हथियारों के प्रदर्शन से भी बहुत आकर्षित हुए।इस फेस्टिवल के दौरान शिरकत करने वाले लोगों ने कई हथियारों, प्रदर्शनियोँ में विशेष रुचि दिखाई जैसे कि मोर्टार, एम.एम.जी, लेजर रेंज राडार, ड्रैगनोट स्नाइपर राइफल जिनका भारतीय फ़ौज ने कारगिल जंग के दौरान दुश्मन को हराने में इस्तमाल किया था। इस मौके पर कारगिल जंग के दौरान टाइगर हिल पर कब्ज़े के लिए हुई लड़ाई के दौरान भारतीय फ़ौज की तरफ से कब्ज़े में किये गए पाकिस्तान के झंडे, पाकिस्तानी फ़ौज के कैप्टन कर्नल शेर ख़ान की जैकेट और पाकिस्तानी फ़ौज के हथियार लोगों के आकर्षण का विशेष केंद्र रहा।
इसी तरह मिलिट्री आर्टस और फोटोग्राफी प्रदर्शनियों में भी लोगों का बड़ी संख्या में जलसा आकर्षण का केंद्र बना। प्रदर्शनी में लगाए गए विशेष चित्रों में भी लोगों ने ख़ास रुचि दिखाई।