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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गतिरोध जारी, पाकिस्तानी सेना ने दी प्रदर्शनकारियों को चेतावनी

इस्लामाबाद – पाकिस्तान में प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथियों के खिलाफ सेना ने शुक्रवार को कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी। सेना ने प्रदर्शनकारियों से गतिरोध खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे उसकी सहनशीलता की परीक्षा नहीं लें। उधर, कट्टरपंथी इस्लामिक राजनीतिक दल तहरीक-ए-लबाइक पाकिस्तान के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी ने इस मुद्दे पर सरकार के साथ हो रही बातचीत को नाकाम बताया है। जिसके बाद उन्होंने पूरे दिन बंद का आह्वान कर दिया।
बता दें कि ईसाई महिला आसिया बीबी (47) पर 2010 में पड़ोसियों से हुए झगड़े में ईशनिंदा का दोषी ठहराया गया था। उसने हमेशा अपने को निर्दोष बताया, लेकिन पिछले आठ सालों से वह कारावास भुगत रही थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। इसके बाद कट्टरपंथी इस्लामिक राजनीतिक दल तहरीक-ए-लबाइक सहित अन्य समूहों ने विरोध शुरू कर दिया है। इसके तहत देश के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गो और सड़कों पर जाम लगा दिया गया।
बातचीत नाकाम बताते हुए तहरीक-ए-लबाइक पाकिस्तान के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी ने कहा कि सरकार और आइएसआइ से जुड़े लोग गोली चलाने की धमकी दे रहे थे।
हमारा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सरकारी टीवी चैनल पीटीवी को बताया कि सरकारी अधिकारियों सहित खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लोग प्रदर्शनकारियों से बात कर रहे हैं। सेना के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के बयानों को हमने देखा है, लेकिन हमने इसे बर्दाश्त किया। हमारा मुख्य उद्देश्य देश से आतंकवाद को खत्म करना है। सेना का आसिया बीबी मामले से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन हम चाहते हैं कि न्याय का सम्मान किया जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि सेना को किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए मजबूर नहीं किया जाए। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीतने के करीब हैं, ऐसे में हम किसी अन्य मामले में उलझना नहीं चाहते हैं।
बंद रहे स्कूल, मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर रोक
सैन्य चेतावनी के बीच कट्टरपंथियों का विरोध-प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। लाहौर, इस्लामाबाद, कराची सहित देश के सभी प्रमुख शहरों की सड़कों पर दिनभर सन्नाटा रहा। पंजाब प्रांत में जहां शैक्षिक संस्थान बंद रहे वहीं कराची और इस्लामाबाद की तरह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में निजी स्कूलों पर भी ताले लटकते दिखे। इतना ही नहीं सभी प्रमुख शहरों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। वहीं प्रदर्शनकारियों से बातचीत नाकाम होने के बाद पाकिस्तान के सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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