अधिकारियों को एक से दो वर्ष पुराने मामलों पर रोज़मर्रा के आधार पर सुनवाई करने के निर्देश
चंडीगढ़ – राज्य की राजस्व अदालतों में लम्बित पड़े मामलों संबंधी सख्त रूख अपनाते हुए पंजाब के राजस्व मंत्री श्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने विभाग के अधिकारियों को इन मामलों के निर्धारित समय में निपटारे के आदेश दिए हैं। उन्होंने ख़ास तौर पर एक से दो वर्ष पुराने मामलों संबंधी मेरिट के आधार पर तुरंत फ़ैसले करने की हिदायत की है, चाहे इसके लिए रोज़मर्रा के आधार पर सुनवाई करनी पड़े।
राजस्व विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि विभाग द्वारा राजस्व अदालतों में लम्बित पड़े मामलों संबंधी 6 जून, 2017 से 30 जून, 2018 तक एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार की गई है।
श्री सरकारिया ने अधिकारियों को हिदायत की है कि राजस्व अदालतों में केस समय पर निपटाया जाएँ जिससे लोगों को समय पर इंसाफ़ मिल सके और उनको किसी तरह भी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने हरेक स्तर की राजस्व अदालत में लम्बित पड़े ख़ासतौर पर खसरा- गिरदावरी से सम्बन्धित मामलों को छह महीनों के अंदर निपटाने की हिदायत की है जिससे नयी फ़सल के आने से पहले इस सम्बन्धित राजस्व रिकार्ड (गिरदावरी) में इंदराज हो सके।
विभाग के अतिरिक्तमुख्य सचिव-कम-वित्तीय कमिशनर राजस्व श्री एम.पी. सिंह ने बताया कि इंतकाल (ग़ैर-मुतनाज़ा/मुतनाज़ा) चाहे अपील अधीन, सैक्शन 47 -ए स्टैंप एक्ट, निशानदेही, बटवारा, खसरा गिरदावरी और नंबरदारी से सम्बन्धित कई केस विभिन्न स्तर पर अदालतों में लम्बित पड़े हैं। यहां तक कि कुछ केस तो दो वर्षो से भी पुराने हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को राजस्व अदालतों में लम्बित पड़े मामलों का जल्दी निपटारा यकीनी बनाने के निर्देश दिए हैं।
श्री एम.पी. सिंह ने अपने अधीन राजस्व अधिकारियों को हिदायत की है कि मामलों के मेरिट के आधार पर निपटारे के अलावा समय पर फ़ैसले सुनाए /लिखे जाने और संबंधित फाइलें तुरंत रिकार्ड रूम में दाखि़ल की जाएँ जिससे संबंधित व्यक्तियों को ज़रुरी आदेशों की नकल मिल सके।