लंदन – भागेड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपने पर लगाए आरोपों को आधारहीन बातते हुए हमला बोला है। माल्या ने लंदन कोर्ट के बाहर कहा कि आइडीबीआइ बैंक के अधिकारी किंगफिशर को हुए घाटे से अच्छी तरह वाकिफ थे। बैंक अधिकारियों के ई-मेल से यह बात साबित होती है। ऐसे में सरकार ने उन पर कंपनी को हुए घाटे को छिपाने का जो आरोप लगाया है, वो आधारहीन है। बता दें कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में ब्रिटिश अदालत में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।लंदन के वेस्टमिन्स्टर कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने खुलासा किया है कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मामला सुलझाने के लिए मुलाकात की थी। लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट के पत्रों पर आपत्ति जताई थी।माल्या से जब वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पूछा गया, क्या कोर्ट को इस बात का यकीन हो गया है कि उनके पास इतने संसाधन हैं कि वह अपने वादे के मुताबिक, भुगतान कर सकेंगे? विजय माल्या ने जवाब में कहा, ‘देखिए, ये ज़ाहिर है… इसीलिए सेटलमेंट की पेशकश की गई है…। मामले की सुनवाई 18 सितंबर को होगी।’माल्या के वकील ने आरोप लगाया कि सीबीआई के राकेश अस्थाना ने बैंकों को धमकी दी है कि अगर विजय माल्या के खिलाफ केस दर्ज नहीं करवाया तो अंजाम भुगतना होगा।कोर्ट में भारतीय अधिकारियों ने मुंबई के आर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का एक वीडियो पेश किया। जिरह में माल्या के वकील ने आग्रह किया कि इस वीडियो को कोर्ट में न दिखाया जाए। माल्या के वकीलों ने एक बार फिर अपने मुवक्कित को निर्दोष बताते हुए कहा कि किंगफिशर का डूबना एक कारोबारी असफलता है, इसको धोखाधड़ी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।बता दें कि माल्या ने धोखाधड़ी और तकरीबन 9,000 करोड़ रुपये की मनी लाड्रिंग के आरोपों के बाद देश छोड़ दिया था। वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं और उसे प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था।
