नई दिल्ली, –
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा आज जल संसाधन केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के साथ मुलाकात करके माँग की गई कि केंद्र सरकार 1976 करोड़ रुपए की लागत वाले राजस्थान और सरहिन्द फीडर प्रोजेक्टों की रीलाईनिंग को जल्द से जल्द मंजूरी दे।
मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि राजस्थान फीडर की रीलाइनिंग के पंजाब के हिस्से और सरहिन्द फीडर की रीलाइनिंग के प्रस्तावों को केंद्र को केंद्रीय जल कमीशन द्वारा 2009 में मंजूरी दे दी गई थी और ये दोनों प्रोजैक्ट लागत पक्ष से क्रमवार 952.100 करोड़ रुपए और 489.165 करोड़ रुपए के थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन प्रोजेक्टों का काम अलग -अलग कारणों करके शुरू नहीं हो सके थे परन्तु अब पंजाब सरकार की तरफ से ज़मीनी स्तर का सारा काम मुकम्मल कर लिया गया है और राज्य सरकार काम के टैंडर जारी करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि यह प्रोजैक्ट केंद्र की 99 प्राथमिक प्रोजेक्टों की सूची में शामिल नहीं थे, इसलिए इन दोनों प्रोजेक्टों को भी प्राथमिकता सूची में शामिल करने के लिए केंद्र की मंजूरी अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि इन प्रजैकटों की संशोधित लागत जो कि राजस्थान फीडर के लिए 1305.267 करोड़ रुपए और सरहिन्द फीडर के लिए 671.478 करोड़ रुपए है, को केंद्र के जल संसाधन मंत्रालय द्वारा 6 अप्रैल 2016 को मंज़ूरी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के फंडों की हिस्सेदारी संबंधी वचनबद्धता तथा अन्य ज़रुरी दस्तावेज़ जमा करवा दिए गए थे और अब केवल केंद्रीय परवानगी का इंतिज़ार है। मुख्यमंत्री की तरफ से श्री गडकरी को बताया गया कि राजस्थान सरकार की तरफ से भी इन प्रोजेक्टों में फंडों का हिस्सा डालने संबंधी प्रतिबद्धता का इज़हार किया जा चुका है। केंद्र की तरफ से इन प्रोजेक्टों की जल्द परवानगी की आकांक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रोजेक्टों को आने वाले तीन सालों में मुकम्मल कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कार्य के लिए केवल साल में 70 दिन उपलब्ध होते हैं क्योंकि नहरी प्रोजेक्टों के काम के लिए नहर बंदी की ज़रूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि इस बड़े पैमाने के कार्य के लिए समय थोड़ा बचता है और किसी भी ठेकेदार को इस पैमाने का काम शुरू करने के लिए कम से -कम छह महीने चाहिएं, इसलिए केंद्र इन प्रोजेक्टों को जल्द परवानगी दे क्योंकि परवानगी में देरी के कारण इन प्रोजेक्टों के काम की शुरुआत मार्च 2019 से आगे जा सकती है। पंजाब और राजस्थान राज्यों के लिए इन प्रोजेक्टों को जीवन रेखा की तरह बताते हुए मुख्यमंत्री द्वारा अलग -अलग स्तरों पर इन प्रोजेक्टों की परवानगी के लिए निजी दख़ल की विनती की गई। श्री गडकरी ने इन प्रोजेक्टों की जल्द परवानगी का भरोसा देते हुए कहा कि वह पंजाब जैसे राज्य के लिए इन सिंचाई प्रोजेक्टों की अहमीयत से अवगत हैं।