प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान दूरदराज के इलाकों में बिजली न पहुंचाने के लिए कांग्रेस की पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमो ऐप के जरिए ग्राम ज्योति योजना के लाभार्थियों से संवाद कर रहे थे. वादा महज़ वादा नहीं उसे अमलीजामा भी पहनाया गया. सबका साथ, सबका विकास की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के उन ग्रामीणों के साथ बातचीत की, जिनकी ज़िंदगियां पिछले 4 सालों में विद्युतीकरण से रोशन हुईं. प्रधानमंत्री ने 28 अप्रैल, 2018 को भारत की विकासगाथा में एक ऐतिहासिक दिन बताया जब मणिपुर के सुदूर गांव लीज़ांग तक बिलजी की रोशनी पहुंची और पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने उस विडंबना का भी ज़िक्र किया जब आज़ादी के 70 साल बाद भी देश के 18,000 गांव बिजली से कनेक्शन से महरूम रह गए. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 2005 में देश की जनता से पूर्ण विद्युतीकरण का वादा तो किया लेकिन पूरा नहीं कर पाए और जनता की नज़रें रोशनी का इंतज़ार करती रह गईं. जिन 18,000 गांव में विद्युतीकण का लक्ष्य हासिल किया गया है, उनमें से ज्यादातर इलाके या तो सुदूर हैं या पहाड़ी क्षेत्र हैं या फिर संपर्क से कटे हुए हैं. ये कोई आसान काम नहीं था लेकिन एक समर्पित लोगों के दल ने इसे संभव कर दिखाया. इनमें से 14,500 गांव ऐसे हैं जो पूर्वी भारत से आते हैं. अब यहां तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. अब पूर्वी भारत के राज्य देश की विकास यात्रा में बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम हो चुके हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विद्युतीकरण विकास का सिर्फ ज़रिया नहीं बल्कि सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बन गया है.
