नई दिल्ली में गुरुवार से दसवां दिल्ली डायलॉग शुरू हो गया है. इसका मुख्य उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक भागीदारी को आगे ले जाना है. इस साल दिल्ली डॉयलॉग एक्स का विषय भारत-आसियान समुद्री सहयोग को सुदृढ़ बनाना है. दिल्ली में गुरुवार को दिल्ली संवाद के 10वें संस्करण की शुरुआत हुई. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और आसियान के बीच बहुत पुराने रिश्ते हैं, जो समय के साथ और ज्य़ादा मज़बूत होते गए हैं. बदलते भू-राजनीतिक माहौल में भारत और आसियान को मिलकर इंडो-पैसिफिक रीजन में फ्री नेवीगेशन को और ज्यादा बढ़ावा देना चाहिए. कोई भी देश अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता है. विदेश मंत्री ने कहा कि बीते सालों में दिल्ली संवाद नीति निर्माताओं के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया है, जिसका फायदा इलाके की तरक्की के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने बीते 4 सालों में कई बड़े बदलाव किए, जिसकी मदद से भारत आज दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में विकसित हुआ है. जिसका फायदा आसियान देशों को भी उठाना चाहिए. दिल्ली संवाद को संबोधित करते हुए विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशियाई देशों के साथ पुराने सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में सरकार काम कर रही है. 2009 में शुरू हुआ दिल्ली संवाद प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक भागीदारी को आगे ले जाना है. दसवें दिल्ली संवाद की थीम है, भारत-आसियान के समुद्री सहयोग की मजबूती. दो दिनों तक चलने वाले इस संवाद में भारत और आसियान देशों के मंत्री, नीति निर्माता, राजनयिक, बिजनेस लीडर्स और शिक्षाविद् शामिल हुए हैं. पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं.
