सिनेमा के सबसे बड़े और विश्व प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार प्रदान करने वाली हॉलीवुड की एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेस के अध्यक्ष जॉन बैली ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत की. यह कार्यक्रम सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया, जिसमें जॉन बैली के साथ एक विशेष संवाद सत्र शामिल था. ये सत्र फिल्म तकनीक और उनकी सामग्री से जुड़े कई पहलुओं पर आधारित रहा. इसमें एकेडमी पिक्चर्स के साथ भारतीय सिनेमा के निर्माण से लेकर तकनीकी सहयोग बढ़ाने तक की चर्चा हुई. भारतीय सिनेमा के दायरे को विस्तार देने के उद्देश्य से जॉन बैली के साथ इस सत्र में कई संभावनाओं को तलाशा गया. इसमें भारत में विदेशी फिल्मकारों को दी जाने वाली वित्तीय प्रोत्साहन सहायता, फिल्म प्रमाणन के तहत वेब पोर्टल और सिंगल विंडो सहायता तंत्र पर विचार किया गया.
सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने इस अवसर पर कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि स्थानीय भाषा, संस्कृति और कला को और बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए सरकार क्षेत्रीय सिनेमा को प्रोत्साहित कर रही है.जॉन बैली ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें भारतीय सिनेमा के विषय में काम करते हुए विभिन्नता में एकता का सिद्धांत देखने को मिला.
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि पहले फिल्म बनाना केवल धनबल का प्रतीत था. लेकिन आज मान्यताएं बदल चुकी हैं.इस मौके पर फिल्म सर्टीफिकेटिन अपीलिएट ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस मनमोहन सरीन और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव अशोक परमार भी उपस्थित रहे.इस मौके पर फिल्म महोत्सव निदेशालय के एडीजी चैतन्य प्रसाद ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन दिया. उन्होंने एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स और साइंस के अध्यक्ष जॉन बैली से अनुरोध किया कि वो गोवा में इस साल नवंबर में होने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के मास्टर क्लासेज के लिए अपने विशेषज्ञ भेजें.इफ्फी अपना पचासवां यानि गोल्डन जुबली समारोह का आयोजन गोवा में नवंबर 2019 में करेगा. इससे पहले इफ्फी के 47वें संस्करण में भी कई विश्व विख्यात फिल्मकारों, छायाकारों ने शिरकत की थी.