नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर शक्तिकांत दास 26
मार्च को व्यापार संगठनों और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के प्रतिनिधियों से
मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में वे ब्याज दर और अर्थव्यवस्था को गति देने
के कदमों पर चर्चा करेंगे।
महंगाई के आरबीआइ के चार फीसद लक्ष्य
से नीचे रहने के कारण ऐसी उम्मीद की जा रही है कि विकास को बढ़ावा देने के
लिए आरबीआइ की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में मुख्य नीतिगत ब्याज
दरों में कटौती की जाएगी। आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली
बैठक चार अप्रैल को होने वाली है। यह अगले वित्त वर्ष के लिए एमपीसी की
पहली बैठक होगी। एमपीसी की यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इसके
सप्ताहभर बाद 11 अप्रैल से आम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो जाएगा, जो सात
चरणों में होगा।
गवर्नर की यह बैठक मुंबई में 26 मार्च को होगी।
इस बैठक में व्यापार संगठनों और रेटिंग एजेंसियों के अलावा गवर्नर ने ऑल
इंडिया बैंक डिपॉजिटर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया है।
दिसंबर 2018 में आरबीआइ के 25वें गवर्नर का पद संभालने के तुरंत बाद
शक्तिकांत दास ने वादा किया था कि महंगाई को कम रखते हुए भी विकास को
बढ़ावा देने के लिए आरबीआइ की नीति तय करने में वह सरकार सहित सभी पक्षों
का साथ लेंगे।
