कम नींद कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है, जानिए अन्य खतरों के बारे में
व्यक्ति
औसतन रात में 6.8 घंटे सोता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रात में छह या
सात घंटे से कम सोने वाले लोगों की रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती
है। इसके बाद कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। बेशक कई बार आपको काम जरूरी
लगता है, पूरी नींद लेना नहीं। आप सोचते हैं, अरे, हमारी तो नींद कुछ ही
घंटों में पूरी हो जाती है, फिर इतना क्यों सोएं। अगर आप भी ऐसा ही सोचते
हैं तो संभल जाएं। अमेरिका के एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि रात
में नींद पूरी जरूर लें, नहीं तो गुस्सैल हो जाएंगे। अगर दो घंटे भी कम
सोएंगे तो झंझलाते हुए दूसरों से बात करेंगे।
नींद किस तरह से
गुस्से के लिए जिम्मेदार, यह जानने के लिए शोधकर्ताओं ने 42 प्रतिभागियों
पर अध्ययन किया। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को दो समूह में
विभाजित किया गया। एक समूह के प्रतिभागी सामान्य नींद ले रहे थे और दूसरे
समूह के प्रतिभागियों की रात की नींद में दो रातों तक दो से चार घंटे की
कटौती की गई। मतलब, पहले समूह के प्रतिभागी लगभग सात घंटे सो रहे थे, जबकि
दूसरे समूह के प्रतिभागियों को करीब साढ़े चार घंटे ही सोने को मिले। इसके
बाद शोर वाले वातावरण में प्रतिभागियों को बैठाया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने
देखा कि कम नींद लेने वाले प्रतिभागी चिड़चिड़ापन और गुस्सा दिखाने लगे।
जबकि दूसरे समूह के प्रतिभागी सामान्य थे।
एक्सपेरीमेंटल
साइकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के नतीजे यह बताते हैं कि पूरी नींद
लेना कितना जरूरी है। ‘कम नींद मानसिक तौर पर परेशान करती है। यह हमारे
सकारात्मक भावों को दूर कर देती है। इसके बाद व्यक्ति नकारात्मक भाव ज्यादा
दिखाता है।’ शोधकर्ताओं ने कहा, दरअसल नींद पूरी न होने से थकावट दूर नहीं
हो पाती है। शोध में पता चला कि 50 फीसदी लोग कम नींद की वजह से अपनी
थकावट दूर नहीं कर पाए। अध्ययन के अगले चरण में शोधकर्ता इस बात का आकलन
करते हुए डेटा एकत्र कर रहे हैं कि नींद की कमी आक्रामक व्यवहार को किस तरह
से बढ़ाती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि रात में केवल दो घंटे
कम नींद भी आपको परेशान कर सकती है। ऐसा पहली बार है जब मनोवैज्ञानिकों ने
यह साबित किया है कि चिड़चिड़ाहट, झुंझलाहट और गुस्से का सीधा संबंध अधूरी
नींद से है। हालांकि, नींद की कमी से होने वाली परेशानियों के सबूत पहले से
ही मौजूद हैं। नींद की कमी आपकी चिंता और उदासी बढ़ा देती है और खुशी और
उत्साह जैसे भाव आपसे दूर कर देती है। लेकिन आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी के
शोधकर्ता नींद की कमी और क्रोध के बीच के संबंध को पुष्ट करना चाहते थे।
इससे पहले हुए बहुत से अध्ययन यह बताते हैं कि ब्रिटेन और अमेरिका में बड़े
स्तर पर लोग नींद की कमी की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
