मुंबई – जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने शुक्रवार को कहा कि एयरलाइन
को बचाने के लिए वो कोई भी त्याग करने को तैयार हैं। गोयल ने कर्मचारियों
को भावनात्मक पत्र लिखकर अपील की है कि मुश्किल हालात में वो थोड़े समय और
साथ दें। गोयल ने कर्मचारियों को भरोसा दिया है कि वो आर्थिक संकट से
निकलने के लिए की जा रही कोशिशों के बारे में उन्हें समय-समय पर जानकारी
देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि 18 मार्च को जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे और
उनकी टीम ताजा जानकारी उपलब्ध करवाएंगे। मुझे भरोसा है तब तक हालात हमारे
पक्ष में होंगे।
कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा-18 मार्च तक साथ
दें, तब तक हालात पक्ष में होने की उम्मीद। लोन की रिस्ट्रक्चरिंग, नकदी के
इंतजाम में जुटी है जेट एयरवेज; उस पर 8052 करोड़ का कर्ज। इससे पहले
गुरुवार को ऐसी खबर आई थी कि नरेश गोयल चेयरमैन का पद छोड़ने को तैयार हैं।
आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग और नकदी जुटाने
की कोशिशों में जुटी है। जेट एयरवेज ने शुक्रवार को बताया कि लीजदाताओं को
भुगतान नहीं कर पाने की वजह से दो और एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े हैं।
एयरलाइन अब तक 21 एयरक्राफ्ट खड़े कर चुकी है।
एसबीआई की अगुआई में
बैंकों ने बुधवार को नरेश गोयल और एतिहाद के सीईओ टोनी डगलस के साथ एक
बैठक भी बुलाई थी। गोयल ने फुल सर्विस एयरलाइन जेट एयरवेज की स्थापना 25
साल पहले की थी। एयरलाइन में उनकी 51% हिस्सेदारी है। खाड़ी की एयरलाइन
एतिहाद की जेट में 24% की हिस्सेदारी है। 30 सितंबर 2018 तक जेट एयरवेज पर
कर्ज का बोझ बढ़कर 8,052 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका था।
इस महीने 14 फरवरी को जेट एयरवेज के बोर्ड ने कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग के प्लान को मंजूरी दी थी। इसके अमल में आने के बाद कर्ज देने वाले बैंक जेट एयरवेज के सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे। कंपनी की 21 जनवरी को हुई ईजीएम में शेयरधारक भी बैंकों के बकाया कर्ज को कंपनी के शेयर में बदलने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे चुके हैं।
