कोलंबो-श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या पर आइसीसी ने भ्रष्ट्राचार निरोधक जांच में बाधा पहुंचाने के लिए उन पर दो वर्ष का बैन लगा दिया था। इस तरह की कार्रवाई के बाद जयसूर्या ने इसे काफी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि आइसीसी के पास उनके खिलाफ सट्टेबाजी, आंतरिक सूचना का दरूपयोग या भ्रष्ट्राचार का कोई सबूत नहीं है। आइसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट में फैले भ्रष्ट्राचार की जांच के दौरान जयसूर्या से पूछताछ की थी और पाया कि उन्होंने आइसीसी की पूरी तरह से मदद नहीं की। इसके बाद आइसीसी ने उन्हें आचार संहिता के अनुच्छेद 2.4.6 और 2.4.7 के उल्लंघन का दोषी पाया। इसमें अनुच्छेद 2.4.6 बिना किसी उचित कारण के एसीयू की किसी जांच में सहयोग नहीं करना या उसमें नाकाम रहने तथा अनुच्छेद 2.4.7 एसीयू की किसी जांच में देरी या बाधा पहुंचाने से संबंधित हैं। जयसूर्या ने कहगा कि ये काफी दुखद है कि मैंने आइसीसी के अधिकारियों की तरफ से मांगी गई सारी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई थी लेकिन आइसीसी एसीयू ने मुझ पर संहिता के आरोप लगाया उचित समझा। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा ही उच्च मानदंडो के साथ क्रिकेट खेला। जयसूर्या का कहना है कि मैंने हमेशा देश को सबसे पहले रखा और हमारे देश की क्रिकेट प्रेमी जनता इस बात का बखूबी जानती है। मैं अपने फैंस व श्रीलंका की जनता को धन्यवाद कहना चाहता हूं जो इस मुश्किल घड़ी में भी मेरे साथ खड़े हैं। आपको बात दें कि दो वर्ष के बैन के बाद जयसूर्या अब किसी भी तरह की क्रिकेट की गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकते हैं।
