रेवेन्यू ग्रोथ में जियो पुरानी कंपनियों से आगे निकली
देश
की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल रिलायंस जियो इंफोकॉम ने दिसंबर
क्वॉर्टर में अपने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) में पिछले क्वॉर्टर की
तुलना में 15 पर्सेंट अधिक ग्रोथ हासिल कर पुरानी टेलीकॉम कंपनियों को पीछे
छोड़ दिया है। जियो को बड़े राज्यों में अच्छे प्रदर्शन का फायदा मिला है।
जियो का AGR दिसंबर 2018 क्वॉर्टर में तिमाही आधार पर 15% बढा।
मुकेश
अंबानी की जियो रेवेन्यू मार्केट शेयर (RMS) के लिहाज से भारती एयरटेल के
लगभग समान पहुंच गई है और वोडाफोन आइडिया से कुछ ही दूर है। दिसंबर
क्वॉर्टर में जियो का RMS लगभग 3.6 पर्सेंट बढ़कर 29.7 पर्सेंट पर पहुंच
गया। वोडाफोन आइडिया और एयरटेल का पिछले क्वॉर्टर में RMS क्रमश: 1.35
पर्सेंट और 0.90 पर्सेंट गिरकर 31.4 और 30 पर्सेंट रहा।
जियो का कुल
AGR (नेशनल लॉन्ग डिस्टेंस या NLD सर्विस रेवेन्यू सहित)
क्वॉर्टर-दर-क्वॉर्टर आधार पर 15.2 पर्सेंट की वृद्धि के साथ 9,600 करोड़
रुपये पर पहुंच गया। वोडाफोन आइडिया और एयरटेल का कुल AGR क्रमश: 2.8
पर्सेंट और 1.7 पर्सेंट गिरकर 10,200 करोड़ रुपये और 9,700 करोड़ रुपये
रहा।
देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया और दूसरे स्थान
पर मौजूद भारती एयरटेल के AGR में क्वॉर्टर-दर-क्वॉर्टर आधार पर क्रमश: 2.8
पर्सेंट और 1.7 पर्सेंट की कमी आई है। इसका कारण जियो के सस्ते टैरिफ और
उसके VoLTE फीचर फोन की लोकप्रियता है।
ICICI सिक्योरिटीज के
टेलीकॉम रिसर्च एनालिस्ट, संजेश जैन के अनुसार, ‘जियो के अच्छे AGR
परफॉर्मेंस के पीछे कैटेगरी B सर्कल, विशेषतौर पर राजस्थान और मध्य प्रदेश
में बिजनेस बढ़ना हो सकता है। कंपनी को राज्य सरकारों की कुछ स्कीमों से इन
राज्यों में फायदा मिला है।’
वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को जियो
लगातार नुकसान पहुंचा रही है। जियो का तीसरे क्वॉर्टर में प्रॉफिट
वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 65 पर्सेंट बढ़कर 831 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
जियो को यूजर्स की संख्या बढ़ने के साथ ही डेटा के अधिक इस्तेमाल से भी
मजबूती मिल रही है। इसकी तुलना में वोडाफोन आइडिया का नेट लॉस बढ़कर
5,005.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि एयरटेल का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट
72 पर्सेंट गिरकर 86 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के भारत में बिजनेस ने नुकसान
दर्ज किया है।
