पंजाब

कौन से सबूत चाहते हो इमरान ख़ान, क्या हम लाशें आपके पास भेजें?

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को दिया जवाब
मंडौली – पुलवामा में सी.आर.पी.एफ. के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की सम्मिलन सम्बन्धी भारत के पास कोई सबूत न होने संबंधीे इमरान ख़ान द्वारा दिए बयान को खारिज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज गुस्से भरे लहजे में कहा कि क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री यह चाहता है कि भारत सैनिकों की लाशें वहां भेजे? मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह कौन से सबूतों की बात करता है, क्या हमें लाशें वहां लेजानी चाहीएंं? मसहूद अज़हर पाकिस्तान में बैठा है और वहाँ से ही अपनी कार्यवाहियों को अंजाम देता है और इस बारे हर कोई जानता है। हर रोज़ हमारे सैनिकों को सरहद पर मारा जा रहा है और उनकी हत्याएँ कौन करवा रहा है?’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात को सारी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान, कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में क्या कुछ करवा रहा है? कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि 26 /11 के हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था और इस संबंधी भारत ने उनको सभी सबूत भी दिए परन्तु उन्होंने किया कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि राजासांसी में निरंकारी भवन पर हुए हमले में पाकिस्तान का ग्रेनेड इस्तेमाल किया गया था जिससे उनकी सम्मिलन का पर्दाफाश हुआ था। बाद में इमरान ख़ान के बयान के जवाब में मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में एक ट्वीट के द्वारा कहा,‘‘इमरान ख़ान, जैश-ए-मुहम्मद का प्रमुख मसूद अज़हर बहावलपुर में बैठा हुआ है और आई.एस.आई. की सहायता से हमलों की साजिश रचता है। जाओ, जाकर उसे वहाँ से उठा लाओ। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो हमें बताओ, हम आपके लिए इस काम को अंजाम देकर दिखाएं। वैसे, 26 /11 के मुम्बई हमले के सबूतों का आपने क्या किया। यह समय बातचीत का नहीं कार्रवाई करने का है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान पुलवामा हमले के बाद वैश्विक स्तर पर उठे सवाल के बाद अपने पक्ष में किये बचाव को दर्शाता है। पुलवामा हमले सम्बन्धी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान बारे पत्रकारों की तरफ से पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इमरान ख़ान प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आई.एस.आई. की कृपा से बैठा है इसलिए उससे और किस प्रकार की प्रतिक्रिया की आशा रखी जा सकती है। यहाँ विभिन्न प्रोजेक्टों के नींव पत्थर रखने के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री अपने सेना प्रमुख जनरल बाजवा के साथ मिलकर भारतीय सैनिकों और मासूम लोगों की हत्याएँ करवा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसी हरकत न तो सहन कर सकता है और न ही सहन किया जाना चाहिए। उन्होंने फिर दोहराया,‘‘यदि वह हमारा एक मारते हैं तो हमें उनके दो मारने चाहिएं।’’ इससे पहले नींव पत्थर रखने के अवसर पर हुए समारोह के समय जलसे को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विकास के लिए अमन-शान्ति की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि भारत को अपने सैनिकों की हत्या का बदला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्जीकल स्ट्राईक एक रास्ता हो सकता है परन्तु इसका निर्णय केंद्र सरकार ने करना है कि कौन सी जवाबी कर्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने अकालियों की कड़ी आलोचना की जिनके कार्यकाल के दौरान घटी बेअदबियों की घटनाओं से राज्य की शान्ति में विघ्न पड़ा। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में शामिल किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को सभी धर्मों का सम्मान करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों ने अपने एक दशक के शासनकाल के दौरान किसानों का शोषण किया और फ़सल की धीमी खरीद और अन्य किसान विरोधी नीतियों के द्वारा उनको मुश्किलों में डाला है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने मार्च, 2017 से लेकर सभी फसलों की निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाया है।

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