दक्षिण कोरिया-उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से मुलाकात करने वाले हैं। इस बार दोनों नेताओं
के बीच 27 व 28 फरवरी को वियतनाम में शिखर वार्ता होगी। इससे पहले शिखर
वार्ता की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीफन
बिगन उत्तर कोरिया पहुंच चुके हैं। उन्होंने उत्तर कोरिया की राजधानी
प्योंगयांग में अपने समकक्ष किम ह्योक चोल के साथ बुधवार को वार्ता
की।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम
जोंग के बीच 27 और 28 फरवरी को वियतनाम में मुलाकात होनी है। इस मुलाकात की
घोषणा होने के बाद अमेरिकी दूत स्टीफन बिगन ने बुधवार सुबह नौ बजे सियोल
के दक्षिण भाग में मौजूद ओसान के अमेरिकी हवाई अड्डे से प्योंगयांग के लिए
उड़ान भरी थी। करीब एक घंटे बाद सुबह दस बजे उत्तर कोरिया के सुनान
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनके विमान ने लैंडिंग की।उत्तर कोरिया रवाना
होने से पहले बिगन ने सियोल में कहा था कि इस वार्ता के जरिए अमेरिका कुछ
ठोस नतीजे हासिल करना चाहता है। इसमें कोरिया प्रायद्वीप के परमाणु
निरस्त्रीकरण से संबंधित मुद्दे पर भी बातचीत होगी। अंतरराष्ट्रीय मीडिया
के अनुसार उत्तर कोरिया ने अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए अपना
परमाणु हथियार कार्यक्रम जारी रखा हुआ है।
जून में हुई थी पहली
मुलाकात:-अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग
के बीच पहली मुलाकात जून-2018 में सिंगापुर में हुई थी। इस मुलाकात में
दोनों नेता कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी तरह से परमाणु मुक्त बनाने पर सहमत
हो गए थे। साथ ही दोनों नेता अपने देशों के बीच नए संबंधों के निर्माण के
लिए भी राजी हुए थे। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच हुआ ये समझौता मौखिक था
और इसके बाद से ही इस समझौते को मूर्त रूप देने के लिए आगे की बात रुकी हुई
थी। माना जा रहा है कि ट्रंप-किम की दूसरी बैठक में इस समझौते को आधिकारिक
रूप दिया जाएगा।
ये है मुलाकात का उद्देश्य:-स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी
में पिछले सप्ताह दिए गए एक वक्तव्य में स्टीफन बिगन ने कहा था कि
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप परमाणु मुक्त कार्यक्रम पर महत्वपूर्ण और
वास्तविक प्रगति चाहते हैं। वहीं अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने हाल में
चेतावनी जारी की है कि उत्तर कोरिया द्वारा अपने परमाणु हथियारों और
उत्पादों को पूरी तरह से बंद करने की संभावना बहुत कम है। लिहाजा ट्रंप और
किम की मुलाकात से पहले अमेरिकी दूत स्टीफन बिगन पिछली बैठक में बनी
सहमतियों को मूर्त रूप देने और उन पर ठोस योजना बनाने में जुटे हुए हैं।
इसके लिए वह वार्ता से ऐसा रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं, जो दोनों
देशों को स्वीकार्य हो।
दक्षिण कोरिया ने दोनों देशों को दी सलाह:-मामले
में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन का कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के
हस्तक्षेप से दशकों पुराने परमाणु संकट में सफलता की संभावना बढ़ गई है।
ट्रंप, उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए
प्रतिबद्ध हैं, जबकि किम जोंग ने घोषणा की है कि उत्तर कोरिया की
अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। दक्षिण
कोरियाई राष्ट्रपति के प्रवक्ता किम यूई-कीओम ने बुधवार को एक बयान जारी कर
कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों नेता वियतनाम बैठक में कुछ ठोस कदम
उठाएंगे।
ट्रंप ने कहा, …तो उत्तर कोरिया से युद्ध की स्थिति
होती:-अपने दूसरे वार्षिक ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति स्थापित करने के
लिए उनकी सरकार पूरा प्रयास कर रही है। शेष काम भी जल्द पूरे कर लिए
जाएंगे, क्योंकि उत्तर कोरिया से रिश्ते काफी अच्छे हैं। साथ ही ट्रंप ने
कहा कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति न होते तो आज संयुक्त राष्ट्र और
उत्तर कोरिया के बीच एक बड़े युद्ध की स्थिति होती
