वाराणसी यात्रा में पीएम ने “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” के पट्टिका का किया
अनावरण, कालीन बुनकरों के लिए वितरित किए लूम्स और वर्कशेड, बुनकरों और
शिल्पकारों को सटीक सूचना उपलब्ध कराने के लिए लॉच किया मोबाइल एप
वाराणसी
की अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर कुटीर उद्योगों के
विकास के लिए कई कदम उठाए। प्रधानमंत्री ने वाराणसी स्थित दीनदयाल हस्तकला
संकुल में स्थित 55 श्रेष्ठता केन्द्र यहां के बुंनकरों और कारीगरों को
सौंपा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीनदयाल हस्तकला संकुल में
बुनकरों और हस्तशिल्पियों से रूबरू हुए। उन्होंने एनआईओएस द्वारा
प्रशिक्षित लोगों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने अपने गोद लिए गांव
जयापुर के लोगों को आधुनिक लूम का प्रमाण पत्र भी सौंपा।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर वस्त्र वस्त्र मंत्रालय के विभिन्न कार्यालयों
को एक ही भवन में स्थापित किए जाने के लिए 28 करोड़ की लागत से पर बनने
वाले जी3 भवन के पट्टिका का अनावरण किया। पीएम मोदी ने इस मौक़े पर दो
किताबों का विमोचन भी किया। ये किताब काशी के मौलिक शिल्प और हथकरघा के
विकास की कहानी बयां करती है। दूसरी किताब भारतीय वस्त्र के उन्नत विकास और
इतिहास को अपने पन्नों में समेटे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
हस्तकला संकुल परिसर में साड़ी, कालीन, कास्टकला जैसे प्रमुख उत्पादो से
जुड़े स्टालों का अवलोकन किया।
वाराणसी के आसपास ख़ासतौर पर
हथकरघा,कालीन और शिल्प उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से ही दीनदयाल
हस्तकला संकुल की नींव नवम्बर 2014 में रखी गई थी और 300 करोड़ की लागत से
बने इस केंद्र को उन्होने सितम्बर 2017 में राष्ट्र को समर्पित किया था। इस
केंद्र की बदौलत कलाकारों को तकनीकी सहायता और उत्पादों को विश्व बाज़ार
तक पहुंचाने से लेकर दूसरी ज़रूरी सहायता आसानी से मिल पा रही हैं।
