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मीटू मूवमेंट सिर्फ मुझ तक सीमित नहीं रहा : तनुश्री दत्ता

सितम्बर 2018 में तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था।

बॉलीवुड-तनुश्री दत्ता ने पिछले साल अमेरिका से लौटकर इंडिया में मीटू मूवमेंट की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने नाना पाटेकर पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था। इस मूवमेंट के जरिए तनुश्री ने आप बीती बयां कीं। अब वे वापस अमेरिका चली गई हैं। जाने से पहले हुई खास बातचीत में तनुश्री कहती है…‘वे आज भी फिल्मों में एक्टिंग का पैशन रखती हैं, लेकिन उसके पीछे भागना नहीं चाहती हैं।  

मैं ऐसा नहीं मानती कि इसकी आंच ठंडी पड़ गई है। मैंने जो मूवमेंट शुरू किया वह सिर्फ मुझ तक सीमित नहीं रहा। अन्य एक्ट्रेसेस ने भी सामने आकर कई खुलासे किए। आगे भी खुलासे होंगे। इस इंडस्ट्री का कोई भरोसा नहीं है, कुछ लोग ढीठ होते हैं। वे इतने चालाक होते हैं कि मेंटली मैनिप्लेट करके आपको परेशान करने की कोशिश करते हैं। मुझे उम्मीद है कि मेरे जाने के बाद भी इस मूवमेंट को ड्राइव करने के लिए काफी लोग हैं। इतने बड़े स्तर पर इंडस्ट्री के गंदी मानसिकता वाले लोग एक्सपोज हुए हैं अब वे किसी एक्ट्रेस के साथ इस तरह की हरकत नहीं करेंगे।

यह सार्थक तो है। अब यह अन्य पर डिपेंड करता है कि इसे कहां तक लेकर जाना है। मैं तो छुट्‌टी मनाने के लिए आई थी। सपने में भी नहीं सोचा था कि यहां पर आकर ये सारी चीजें होंगी। पुरानी बातें निकलेंगी, सपोर्ट मिलेगा और इसकी एक मुहिम बनेगी। मेरी कहानी, मुझसे आगे निकल गई। मैंने अपने देश की थोड़ी सेवा कर दी।

‘मेरी हैरेसमेंट की जो कंप्लेंट है, वह चार लोगों के ऊपर है। ये चार उस फिल्म के एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और कोरियोग्राफर हैं। मेरा हैरेसमेंट पूरे दिन का था, लेकिन बहुत लोग लिखते समय चारों को मेंशन न करके सिर्फ एक के ऊपर फोकस डालते हैं। मुझे जो कुछ बोलना था, बोल दिया है। अब ऐसा कुछ होना चाहिए, जिससे लोगों को फायदा हो। चाहती हूं कि फिर किसी एक्ट्रेस के साथ ऐसा कुछ न हो।’

मुझे लगता है कि शोषण एक समस्या है, जो मीटू से रिलेटेड है, लेकिन थोड़ा अलग है। इस समस्या के बारे में मैंने एक वीडियो में बोला है, लेकिन वह अभी रिलीज नहीं हुआ है। इंडस्ट्री में आने वाले ऐसे नए लोग जिनका कोई बैकग्राउंड नहीं होता है, उन्हें गिद्ध टाइप लोग मिल जाते हैं और ज्ञान देने लगते हैं। फिर तो वे गलत राह पर चले जाते हैं और उनकी लाइफ में कुछ नहीं होता है। वे बर्बाद हो जाते हैं।

मीटू मूवमेंट के समय मुझे कई लोगों ने फोन करके बोला कि इस पर भी बोलो। स्पेशली यंग और कच्चे लोगों के लिए इस पर डिस्कशन करना जरूरी है, ताकि आने वाले न्यू कमर्स सजग-सतर्क हो सकें। अगर कोई सफल नहीं भी हुआ, तो वह कम से कम इस स्थिति में तो रहे कि उसकी आत्मा को किसी ने निचोड़कर नहीं रखा। फिल्म इंडस्ट्री एक बिजनेस है। यहां काम करने वाला सिर्फ नफा-नुकसान देखता है।

इंडिया आने के दौरान अमेरिका में मेरे कुछ इवेंट मिस हो गए थे। सबसे पहले तो वहां जाकर इवेंट वगैरह करूंगी। वहां लोग मुझे बतौर सेलिब्रेटी बुलाते हैं, क्योंकि मेरा मिस इंडिया, मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड का बैकग्राउंड रहा है। दूसरा, एक कंपनी ने मुझे बतौर ब्रांड एम्बेसडर, एडवाइजर हायर किया था। जिसका 6 महीने काम चला। प्रभु की इच्छा होगी तो इसके अलावा भी कुछ करूंगी।

मैं जब जुलाई में इंडिया आई थी तो उसके तीन दिन बाद मुझे ‘कसौटी जिंदगी-2’ सीरियल के लिए ऑफर आया था। लेकिन इस ऑफर को मैंने मना कर दिया, क्योंकि मुझे तीन महीने में ही वापस जाना था, जबकि उन्हें एक साल चाहिए था, जो इम्पॉसिबल था। उसके बाद एक और बड़े टीवी प्रोडक्शन हाउस से फोन आया था। एक फिल्म का ऑफर आया था। एक छह महीने की टीवी सीरीज का ऑफर आया था, उसे भी मना करना पड़ा। अगर कुछ आएगा, तब करूंगी, वरना मुझे काम के पीछे भागना नहीं है। क्योंकि मेरी लाइफ में ऐसे एक्सीडेंट हुए हैं कि दूध का जला अब छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है, कहावत हमेशा याद रहेगी। मेरा स्वभाव भी थोड़ा अलग किस्म का है। मैं अब तभी काम करूंगी जब किसी अच्छे प्रोडक्शन हाऊस से ऑफर आएगा और अच्छे लोग मिलेंगे।

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