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राहुल गांधी पर रफाल विरोधी लॉबी के दबाव में काम करने का आरोप

रफाल के मुद्दे पर सरकार के द्वारा एक एक सवाल का जबाव देने के बाद भी सियासत है कि थमने का नाम नही ले रही. सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने और संसद में सभी मसले साफ होने के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर सवाल खड़े करने का प्रयास कर रहे है. सोमवार को भाजपा ने राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस के समय हुए सभी सौदों में दलाली होती रही है.

रफाल मामले में एक के बाद एक खुलासों से सियासत गरमा रही है. लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों पर वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री ने बिंदुवार जवाब दे दिया, लेकिन विपक्ष इस मामले पर हंगामा कर रहा है. सोमवार को बीजेपी ने रफाल मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. बीजेपी ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा रफाल मामले को उठाना सिर्फ दिखावा है. केंद्रीय मंत्री  रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि रफाल का इसलिए विरोध हो रहा है क्योंकि यूरोफाइटर के लॉबिस्ट का दबाव था.

उन्होंने पनडुब्बी घोटाला और अगुस्ता वेस्टलैंड मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में ऐसा कोई भी रक्षा सौदा नहीं हुआ, जिसमें ‘सौदेबाजी नहीं हुई हो’. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बार-बार ‘झूठ’ बोलने में लगे हुए हैं.

रविशंकर प्रसाद ने रफाल मामले में कांग्रेस पार्टी से तीन सवाल पूछे. जब 2011-12 में रफाल में निविदा में कीमत सबसे कम थी तब इस सौदे पर वार्ता के आठ नौ साल बाद केवल इसलिए अंतिम रूप नहीं दिया गया क्योंकि यूरोफाइटर के लिए लॉबिंग हो रही थी. किसके दबाव में पुनर्विचार की बात कही गई. उन्होंने सवाल किया कि क्या राहुल इसलिए रफाल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यूरोफाइटर के लिए लॉबिस्ट का दबाव था?  क्या कोई कमीशन नहीं मिला था? उनका तीसरा सवाल था कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी कब तक देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करेंगे.

वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से एचएएल को मिले सौदों पर सरकार से सवाल पूछा है. राहुल के सवालों पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया और लोकसभा में कहा कि एचएएल के साथ 2014-2018 के दौरान 26,570.8 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं तथा 73,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पाइपलाइन में हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि सदन में दिए उनके वक्तव्य पर संदेह खड़े करना ‘गलत और गुमराह’ करने वाली बात है.

इससे पहले रविवार को रक्षामंत्री ने ट्विटर पर दस्तावेजों के जरिए इस बारे में पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना को 83 हल्के लड़ाकू विमान की आपूर्ति के लिए एचएएल के साथ 49,797 करोड़ रुपये का अनुबंध तकनीकी मूल्यांकन के चरण में है. इसके अलावा 2,911 करोड़ के हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर का सौदा भी तकनीकी मूल्यांकन के चरण में है. कामोव का 226-टी हेलीकॉप्टरों के लिए अंतरिम 20,000 करोड़ का दूसरा अनुबंध भी इसी चरण में है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके बयान की पुष्टि खुद एचएएल की ओर से की गई है. मंत्री के वक्तव्य के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया और कहा कि पार्टी ने सदन में रक्षा मंत्री मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है. इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह नोटिस उनके विचाराधीन है. कुल मिलाकर सरकार की ओर से भले ही तमाम सबूतों के साथ सब कुछ साफ कर दिया गया हो लेकिन विपक्ष आरोपों से बाज नहीं आ रहा है.

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