पश्चिम बंगाल में ‘गणतंत्र बचाओ रैली’ को लेकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने हैं. राज्य में बढ़ती राजनीतिक हत्याओं के विरोध में बीजेपी ने राज्य में रथयात्रा निकालने का ऐलान किया है, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने इसे इजाज़त देने से इनकार कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने साफ़ कहा है कि राज्य में भाजपा को यात्रा निकालने से कोई नहीं रोक सकता है.
पांच राज्यों में सियासी घमासान थमने के बाद अब पश्चिम बंगाल मे शुरू हो गया है सियासी घमासान. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की राज्य में होने वाली ‘गणतंत्र बचाओ रैली’ को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और बीजेपी आमने-सामने हैं और आरोप-प्रत्यारोप जारी है. शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के सर्वोच्च अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भाजपा के साथ 12 दिसंबर तक एक बैठक आयोजित करें, 14 दिसंबर तक रथयात्रा की इजाजत देने पर फैसला लें.
बीजेपी के तीन रथयात्रा निकालने की इजाजत मांगने वाले पत्रों पर कोई जवाब नहीं देने पर उच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने सरकार की चुप्पी को आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला करार दिया. इससे पहले गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार के रुख के बाद कूचबिहार में बीजेपी की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से इनकार कर दिया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि इससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है. इस रथयात्रा को शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को हरी झंडी दिखानी थी.
फैसले के बाद पार्टी ने अमित शाह की कूचबिहार में प्रस्तावित रैली और रथयात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया था. अब अमित शाह ने कहा है कि कि ‘यात्राएं’ रद्द नहीं, सिर्फ स्थगित हुई हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में यात्राएं निश्चित तौर पर निकालेगी और उसे ऐसा करने से कोई भी नहीं रोक सकता है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ममता सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि देश में सर्वाधिक सियासी हत्याएं राज्य में हुई हैं. उन्होंने कहा कि पूरा पश्चिम बंगाल प्रशासन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहा है.
गौरतलब है कि बीजेपी का राज्य के विभिन्न हिस्सों से और सभी 42 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों तक तीन ‘रथ यात्रा’ करने का कार्यक्रम है. भाजपा का सात दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम था, इसके बाद नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूमि जिले में तारापीठ मंदिर से भाजपा का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम था. इस बीच कूचबिहार के कुछ इलाकों में टीएमसी कार्यक्रताओ ने बीजेपी समर्थकों की गाड़ियों को जबरन रोकने की कोशिश की.
फिलहाल मामला कोर्ट और प्रशासन के हाथ में है और देखना है वो क्या फैसला लेते हैं.
