भारतीय रिज़र्व बैंक के नवनियुक्त गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने पहले संबोधन में संस्थान के प्रोफेशनलिज़्म, मूल्यों, विश्वसनीयता तथा स्वायत्तता को बनाए रखने की कोशिश का वादा किया. शक्तिकांत दास रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर नियुक्त किए गए हैं. दास नोटबंदी के दौरान सरकार का अहम चेहरा रहे हैं. उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है.
पूर्व आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पद भार संभाल लिया. तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर हैं.पद भार ग्रहण करने के बाद शक्तिकांत दास ने मीडिया के साथ बातचीत की. शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक और केंद्र के संबधों पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने गुरुवार को बैकों के प्रमुखों के साथ एक बैठक बुलाई है.
तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास राज्य और केंद्र में 37 साल की सेवा के बाद मई 2017 में सेवानिवृत्त हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नवंबर 2016 में विमुद्रीकरण की घोषणा की तब दास आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव थे. दास जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत के शेरपा भी थे. वह यूपीए और एनडीए शासन के दौरान बजट की तैयारियों में शामिल रहे हैं. शक्तिकांत दास ने जीएसटी और दिवालियापन कोड के लिए जमीन तैयार करने में अहम भूमिका अदा की.वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शक्तिकांत दास को आरबीआई के गर्वनर के लिए “सही योग्यता” वाले व्यक्ति के रूप में संबोधित किया है. जेटली ने कहा है कि देश की आर्थिक चुनौतियों से निपटने में दास का रोल अहम होगा.
