चंडीगढ़ – स्वास्थ्य मंत्री श्री ब्रह्म मोहिन्द्रा के योग्य नेतृत्व अधीन स्वास्थ्य विभाग पंजाब द्वारा तम्बाकू के विरुद्ध जंग छेड़ी गई है जिससे राज्य भर के बच्चों और नौजवानों को इसके बुरे प्रभावों से बचाया जा सके। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2018 में ‘नेशनल फ्रेमवर्क फॅार ज्वाइंट टी.बी.-तम्बाकू कोलैबरेटिव ऐकटीविटीज़’ विकसित किया गया है। पंजाब में इस योजना क ो प्रयोग के आधार पर लागू करन के लिए, मंत्रालय द्वारा तीन जिलों संगरूर, कपूरथला और एस.ए.एस. नगर का चयन किया गया है। इस संबंधी स्टेट, तम्बाकू सैल्ल, पंजाब द्वारा डायरैक्टर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब डा. जसपाल कौर की अध्यक्षता अधीन टी.बी. तम्बाकू सहयोगी ढांचे को लागू करने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप के दौरान डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं, पंजाब द्वारा टी.बी. तम्बाकू सहयोगी गतिविधियों पर एक पुस्तिका और पोस्टर भी जारी किया गया। स्वास्थ्य विभाग राज्य में तम्बाकू के प्रयोग को घटाने के एजंडे पर पूरी तनदेही के साथ काम कर रहा है। सभी जिलों में तम्बाकू छुड़ाओ केंद्र स्थापित किये गए हैं। वह व्यक्ति जो तम्बाकू के प्रयोग से छुटकारा पाना चाहते हैं, उनको इन केन्द्रों में काउंसलिंग और दवाएँ जैसे निकोटीन गमज़ और पैचस आदि मुफ़्त मुहैया करवाए जा रहे हैं। पंजाब राज्य में सिगरेट एंड अन्य तम्बाकू प्रोडक्कटज़ एक्ट (कोटपा 2003) सख्ती के साथ लागू किया गया है। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कुल 14,130 चालान (अप्रैल-नवंबर 2018) काटे गए हैं। राज्य में सभी हुक्कों बारों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है। बताने योग्य है कि हुक्कों बारों पर पाबंदी लगाने संबंधी बिल हुक्कों बारों पर पाबंधी लगाने संबंधी बिल मंत्री द्वारा पेश किया गया था, जिसको विधान सभा असेंबली द्वारा पास करने और राष्ट्रपति से मंज़ूरी मिलने के उपरांत राज्य भर में लागू कर दिया गया। नौजवानों के कल्याण हेतु समय पर कार्यवाही करते हुए ई-सिगरेटरज़, हुक्कों बारों और कॉलेज /यूनिवर्सिटियों को तम्बाकू मुक्त ऐलानने वाला पंजाब पहला राज्य है। पंचायतों द्वारा प्रस्ताव पास करने के उपरांत कुल 729 गाँवों को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जा चुका है।
