नई दिल्ली। सरकार का इरादा एथनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के लक्ष्य स्तर को और बढ़ाने का है, ताकि पेट्रोलियम उत्पादों के आयात में कमी के साथ ही स्वच्छ ईंधन मुहैया कराया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ये बातें कही।सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) फिलहाल ईबीपी कार्यक्रम लागू कर रही है, जिनका सालाना लक्ष्य 5 फीसद एथनॉल मिलाना है, जबकि भारत ने साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसद एथनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है।मोदी ने देश के 129 जिलों में शहर में गैस वितरण (सीजीडी) परियोजनाओं का एक कार्यक्रम में आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा, “सरकार का इरादा पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के कार्यक्रम का लक्ष्य बढ़ाने का है, जिसका उत्पादन इस साल रिकार्ड 140 करोड़ लीटर को पार कर गया है।”पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, ईबीपी कार्यक्रम का लक्ष्य साल 2030 तक एथनॉल मिश्रण को बढ़ाकर 20 फीसद करना है। भारत फिलहाल अपनी जरूरतों का 80 फीसद से अधिक आयात करता है।अगली एथनॉल आपूर्ति दिसंबर से शुरू होगी। इसमें ओएमसीज ने 329 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत का संकेत दिया है, जोकि इस साल की तुलना में दोगुना है, जिससे 10 फीसद एथनॉल मिलाया जा सकेगा।सरकार ने आनेवाले साल में ओएमसी की ओर से एथनॉल की खरीद की कीमत में 3 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे इसका मूल्य वर्तमान के 47.13 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 52.43 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा।इस कार्यक्रम में मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने अगले पांच सालों में कंप्रैस्ड बॉयोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए 5,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
