कैबिनेट ने कुछ अन्य अहम फैसले भी लिए. कैबिनेट ने दादर व नागर हवेली में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी है. इसके साथ ही जूट की बोरियों में अनिवार्य पैकेजिंग के मानकों का दायरा बढ़ाने को स्वीकृति दी गई है. इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के उप-वर्गीकरण संबंधी आयोग की सेवा अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेश दादर व नागर हवेली के सिलवासा में डेढ़ सौ सीटों वाले मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी है. इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर 189 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. कैबिनेट ने जूट की बोरियों में अनिवार्य पैकेजिंग के मानकों का दायरा बढ़ाने को मंजूरी दी है. इसके मुताबिक 100 प्रतिशत अनाजों और 20 प्रतिशत चीनी की पैकिंग अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में ही करनी होगी. इससे जूट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
मेडिकल में एमबीबीएस के अलावा अन्य क्षेत्रों पढ़ाई के मानकीकरण और उससे जुड़ी सेवाओं के लिए नियामक बनाने के मकसद से भी कैबिनेट ने एक अहम विधेयक को मंज़ूरी दी है.
इसके साथ ही केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग की सेवा अवधि को छह महीने बढ़ाकर 31 मई, 2019 तक विस्तार देने की मंजूरी दी है.
