जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा को भंग किए जाने के फैसले के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेजी से बदल रही हैं. ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने फैसले पर उठते सवालों पर साफ किया कि उन्होंने ये खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कई दिनों से विधायकों को डराने-धमकाने की शिकायत मिल रही थी और ऐसे में इस तरह की गतिविधियों को रोकना उनकी जिम्मेदारी बन जाती है.
जम्मू-कश्मीर विधान सभा भंग करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे पहले से नए जनादेश के पक्ष में थे.
नेशनल पैंथर पार्टी के नेता भीम सिंह ने जम्मू-कश्मीर विधान सभा भंग होने के बाद कहा कि केंद्र सरकार सभी दलों की एक बैठक बुलाए, जिसमें जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दल शामिल हों.
