प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे रविवार को औद्योगिक रोबोट विनिर्माता कंपनी ‘फानुक’ के कारखाने गए. यह कारखाना टोक्यो के पश्चिम में यामानशी प्रशासनिक क्षेत्र में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ ट्रेन में सफर किया. दोनों प्रधानमंत्री जापान के यामानाशी से टोक्यो तक ट्रेन में गए.
अपने गृह नगर यामानाशी में माउंट फूजी का दीदार करते हुए दोनों नेताओं ने भारत-जापान के रिश्तों में एक नया पन्ना जोड़ दिया. शायद यह जापान में पहला मौक़ा भी है जब किसी समकक्ष की प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने यामानाशी में आगवानी की हो.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में 2017 में प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शानदार स्वागत किया था. वहां उन्होने साबरमती आश्रम का दौरा किया था और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी.
दोनों नेताओं ने शिखर सम्मेलन से पहले भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के फ्रेमवर्क के तहत क्षेत्रीय और अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर आपसी हितों के मामलों पर चर्चा की.
दोनों देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मानवरहित वाहन और रोबोटिक्स के विकास पर भी चर्चा और तकनीक के आदान-प्रदान की भी उम्मीद है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रोबोटिक्स के क्षेत्र में जापान की उच्च क्षमताओं को भी देखा. उन्होंने रोबोटिक्स तकनीक की कंपनी फानुक का दौरा किया.
FANUC का कारोबार तीन क्षेत्रों पर टिका है. वो है Factory Automation कारोबार, जिसमें Numerical Control और SERVO का सहारा लिया जाता है, दूसरा हिस्सा Robot और Robomachine का है, तो तीसरा पहलू फील्ड सिस्टम्स से जुड़ा है, जो एक तरह से Internet of things से जुड़ा है. FANUC की 108 देशों में 263 शाखाएं हैं. भारत में 26 साल से काम कर रहे FANUC की 26 शाखाएं हैं.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपनी विशिष्ट मेहमाननवाजी का प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने यामानाशी वाले आवास पर रात्रि भोज कार्यक्रम में हिस्सा लिया. शायद यह पहली बार होगा जब कोई विदेशी नेता प्रधानमंत्री शिंजो आबे की छुट्टियों के दौरान प्रवास के लिए उपयोग होने वाले घर का दौरा किया हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो अबे को कलात्मक दरियां और प्रस्तर के दो हस्तनिर्मित कटोरेनुमा पात्र उपहार स्वरूप भेंट किए. ये पात्र राजस्थान से प्राप्त गुलाबी और पीत वर्णी स्फटिक के हैं, जबकि दरियों को उत्तर प्रदेश के कारीगरों ने तैयार किया है. पीएम ने ने उन्हें परंपरागत पच्चीकारी वाला लकड़ी का जोधपुरी संदूकचा भी भेंट किया.
दोनों नेताओं ने यामानाशी में एक साथ आठ घंटे का समय बिताया और टोक्यो तक ट्रेन से एक साथ यात्रा की.
भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों द्वारा यामानाशी में बिताया गया एक दिन दोनों देशों के रिश्तों को एक नया आयाम देने में कामयाब रहा. इस दौरान रणनीतिक और वैश्विक साझेदारियों से जुड़े कई मुद्दों पर अनौपचारिक चर्चा की गई, जिससे आने वाले दिनों में विकास के तमाम कार्यों को बल मिलेगा.
