भारत ने सीमापार से पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश के दौरान भारतीय सैनिकों के शहीद होने के मुद्दे पर पाकिस्तान से कड़ा विरोध किया। जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर में रविवार को यह घटना हुई थी। विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली के पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को बुलाकर इस घटना पर विरोध पत्र सौंपा।
भारत ने पाकिस्तान को आंतकवाद रोकने के लिये एक बार फिर से कड़ा संदेश दिया है… विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को बुलाकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है… इस साल अभी तक पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के संधर्ष विराम उल्लघन की 1500 से ज्यादा घटनाए कर चुका है जिसका भारतीय फौज ने कड़ा जबाव दिया है।
जम्मू कश्मीर में सीमा पर पाक की हरकत पर भारत ने कडी नाराजगी जतायी है । मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और दो दिन पहले जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश की घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कहा, ”यह सूचित किया जाता है कि मुठभेड़ के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने दो पाकिस्तानी सशस्त्र घुसपैठियों को मार गिराया और पाकिस्तान सरकार को अपने नागरिकों के शव लेने चाहिए।”
गौरतलब है कि सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सेना द्वारा घुसपैठ की कोशिश नाकाम करने के बाद रविवार को हुई मुठभेड़ में दो हथियारबंद पाकिस्तानी घुसपैठिए मारे गए तथा तीन भारतीय जवान शहीद हो गए थे। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की इस उकसावे की कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा – इससे आतंकवाद को मदद देने तथा बढ़ाने में पड़ोसी देश की मिलीभगत का पता चलता है और भारत के साथ रचनात्मक संबंधों का प्रचार करने तथा शांति की आकांक्षा के उसके कपटी दावों का खोखलापन उजागर होता है।
इससे पहले सेना ने भी सोमवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों को रोकें। भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों को नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के होने वाली संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं पर गंभीर चिंता जतायी है । विदेश मंत्रालय ने कहा, ”शांति बनाए रखने के लिए संयम बरतने और 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने के निरंतर अनुरोधों के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने 2018 में अभी तक नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा पर बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघनों की 1,591 घटनाओं को अंजाम दिया।” भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह किसी भी रूप में भारत के खिलाफ आतंकवाद के समर्थन के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल ना करने देने के वादे को निभाए।