सरकार द्वारा दूध के सीधे मंडीकरण को उत्साहित करने के लिए ज़रुरी साजो-समान की खरीद पर 4 लाख की सब्सिडी का प्रावधान
चंडीगढ़ – दूध उत्पादकों को समय का साथी बनना पड़ेगा और दूध सीधा उपभोक्ताओं को बेचना चाहिए। सरकार द्वारा दूध उत्पादकों को इस कार्य के लिए उत्साहित करने के लिए ज़रुरी साजो-समान को खऱीदने के लिए 4 लाख रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है। पंजाब के पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहां जारी प्रैस बयान में कहा कि मौजूदा समय में दूध उत्पादक को दूध का सही मूल्य लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि उपभोक्ता साफ़ सुथरे और भरोसेयोग दूध के लिए तरस रहा है। उन्होंने कहा कि शहरों के नज़दीक स्थापित डेयरी फार्मरों के लिए यह एक सुनहरी मौका है कि वह अपना दूध नज़दीकी शहर में उपभोक्ताओं को सीधे बेचें। उन्होंने बताया कि उत्पादक उपभोक्ताओं को सीधा दूध बेच कर 10-12 रुपए प्रति लीटर अधिक कमा सकते हैं और दूसरी तरफ़ उपभोक्ओं को शुद्ध और संतोषजनक दूध प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा दोनों पक्षों के लिए यह लाभप्रद प्रस्ताव है और इसको दूध उत्पादकों को अपनाना चाहिए। स. इन्द्रजीत सिंह, डायरैक्टर, डेयरी विकास ने बताया कि दूध के सीधे मंडीकरण को उत्साहित करने के प्रोग्राम के अधीन इस कार्य के लिए ज़रुरी साजो समान की खरीद पर 4 लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस साजो समान में गाँव स्तर पर दूध ठंडा करने के लिए एक 500 लीटर क्षमता वाला बल्क मिल्क कूलर, स्टेनलैस्स स्टील 304 की डबल जैकटिड 500 लीटर क्षमता वाली टैंकी, आटोमैटिक दूध डिस्पैंसिंग यूनिट और दूध की टैंकी योग्य एक छोटी गाड़ी शामिल है। उन्होंने बताया कि इनकी कीमत लगभग 9 लाख रुपए बनती है, जिस में से 4 लाख रुपए बैक एडिड सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने आगे बताया कि लाभपात्री अकेला दूध उत्पादक या मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी या सेल्फ हेल्प ग्रुप हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह स्कीम दूध उत्पादकों के लिए लाभदायक है, जिनके पास थोड़े दुधारू पशु हैं और अकेले इस स्कीम का लाभ लेने के योग्य नहीं हैं, वह आपस में मिलकर इस स्कीम का लाभ और अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।