प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजधानी दिल्ली में ‘विश्व मोबिलिटी शिखर सम्मेलन’ का करेंगे उद्घाटन, सम्मेलन का मकसद, भारत में परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाना और मोबिलिटी के साधनों को और संपर्कशील और बेहतर बनाना है। देश में परिवहन व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाने के लिये मिशन मोड में काम हो रहा है और इसी कड़ी में आज से दिल्ली में ‘विश्व मोबिलिटी शिखर सम्मेलन’ का आयोजन होने जा रहा है। उम्मीद है कि शिखर सम्मेलन देश में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को विकसित करने में मददगार साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज इस सम्मेलन का उदघाटन करेंगे। सम्मेलन में देश के परिवहन को समग्र रूप में रखते हुए अलग-अलग पक्षों पर विचार होगा. मोबिलिटी को लेकर इस तरह का वैचारिक महाकुंभ पहली बार भारत में आयोजित हो रहा है, जिसमें मोबिलिटी परिदृश्य, भावी संभावनाओं और चुनौतियों से निपटने के लिए देश की तैयारी का जायजा लिया जाएगा।
21वीं सदी में वाणिज्य और व्यापार की अहमियत लगातार बढ़ रही है। व्यापार करना है तो मूलभूत ढ़ांचा भी दुरुस्त होना चाहिए। इस ढ़ांचे के लिए बेहतर यातायात व्यवस्था भी चाहिए, जो सिर्फ व्यापार ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी बेहद जरुरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन तमाम मुद्दों पर पहले से काम करते रहे हैं। लेकिन इसे लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करने के मकसद से सात और आठ सितम्बर को ‘विश्व मोबिलिटी शिखर सम्मेलन’ मूव आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में देश के परिवहन को समग्र रूप में रखते हुए अलग-अलग पक्षों पर विचार होगा. मोबिलिटी को लेकर इस तरह का वैचारिक महाकुंभ पहली बार भारत में आयोजित हो रहा है, जिसमें मोबिलिटी परिदृश्य, भावी संभावनाओं और चुनौतियों से निपटने के लिए देश की तैयारी का जायजा लिया जाएगा। देश में पहली बार हो रहे इस ‘विश्व मोबिलिटी शिखर सम्मेलन’ में इलेक्ट्रिक वाहन, लिथियम बैटरीज़, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रकचर जैसे कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी. सम्मेलन का उद्देश्य देश के शहरों को प्रदूषणमुक्त बनाना है. इसके लिए इस बात पर विचार होगा कि कैसे पेट्रो पदार्थों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाया जाए। सार्वजनिक वाहनों में कैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा से ज्यादा जगह दी जाए. साथ ही कैसे आम लोगों को प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रेरित किया जाए।