पंजाब

गोली चलाने के आदेशों की जांच के लिए दोनों बादलों और सुमेध सैनी को हिरासत में लेकर पूछ -ताछ की जाये: सुखजिन्दर सिंह रंधावा

विधानसभा में वॉकआउट पर सुखबीर के बयान ने अकालियों का दोहरा मापदंड नंगा किया: रंधावा

चंडीगढ़ – सीनियर कांग्रेसी नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की तरफ से बेअदबी की घटना के उपरांत रौश प्रदर्शन कर रहे बेकसूर सिखों पर उनकी तरफ से गोली न चलाने के दिए हुक्म के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री यह स्पष्ट करें कि बहबल कलाँ और कोटकपूरा में गोली चलाने के हुक्म यदि उन्होंने नहीं दिए थे तो क्या यह हुक्म तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल या डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने दिए थे।

स. रंधावा ने कहा कि गोली चलाने के हुक्म किसने दिए, इसका पता लगाने के लिए इन तीनों व्यक्तियों प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और सुमेध सिंह सैनी को हिरासत में लेकर पूछ -ताछ करनी बनती है। उन्होंने बड़े बादल को सवाल किया कि यदि गोली चलाने के हुक्म तत्कालीन मुख्यमंत्री ने नहीं दिए थे तो फिर किसके हुक्मों से गोली चलाई गई।

स रंधावा ने कहा कि बहुत हैरानी की बात है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री की आधी रात को फरीदकोट प्रशासन और डीजीपी के साथ बातचीत होती है परन्तु वह गोली चलाने का हुक्म नहीं देते तो भी पुलिस की तरफ से निर्दोष सिखों पर गोली चलाई जाती है। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल को पहले अपने पुत्र जो तत्कालीन गृह मंत्री थे, से पूछ लेना चाहिए कि गोली उनके हुक्मों पर तो नहीं चलाई गई।

उन्होंने साथ ही स. बादल को कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह कितने बड़े सिख हैं, इसलिए स्वयं घोषित पंथक अकालियों से सर्टीफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के परिवार की सिखी में आस्था पूरी दुनिया जानती है और दूसरी तरफ़ बादल परिवार की तरफ से सिख पंथ को खोखला करके अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकने की चालों से सारा पंजाब वाकिफ़ है। कुछ बोलने से पहले बादल परिवार अपने गिरेबां में झांक लेे।

स रंधावा ने आज के मीडिया में सुखबीर सिंह बादल के उस छपे बयान पर भी अकाली दल से स्पष्टीकरण माँगा है जिसमें उन्होंने कहा है कि विधानसभा सैशन के दौरान जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन पर बहस के दौरान वाकआउट करने का फ़ैसला अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में किया गया था। उन्होंने कहा कि इस बयान से अकाली दल के दोहरे मापदंड सामने आते हैं कि विधानसभा में तो अकाली दल की तरफ से वॉकआउट करने के फ़ैसले के पीछे उनको बहस में बोलने के लिए मिले कम समय को बता रहे थे जबकि अब सुखबीर सिंह बादल कह रहे हैं कि वॉकआउट का फ़ैसला कोर कमेटी की मीटिंग में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने कहा कि अकाली दल द्वारा अपने किये गुनाहों के कारण लोगों का सामना करने की हिम्मत नहीं है और वह सदन के अंदर और बाहर लोगों का सामना करने से भाग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल अब झूठे बयानों के साथ अपना पक्ष रखने की कोशिश कर रहे हैं जिस पर राज्य के लोग बिल्कुल भी विश्वास नहीं करेंगे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

nineteen + twelve =

Most Popular

To Top