चंडीगढ़,
पंजाब कला परिषद द्वारा पंजाबी के प्रसिद्ध लेखकों और कलाकारों के जन्म दिवस मनाने की शुरू की गई पहल की पहली लड़ी में पंजाब कला भवन के प्रांंगन में शानदार संगीतमयी और साहित्यक शाम करवाई गई। इस समागम की अध्यक्षता चेयरमैन डा. सुरजीत पातर ने की। डा. पातर ने जहाँ उभरते हुए कलाकारों को मुबारकबाद दी वहीं अगस्त महीने में पैदा हुए और अब दिवंगत कलाकारों और लेखकों की यादें ताजा करके उनको श्रद्धांजलि भेंट की। विभिन्न प्रवक्ताओं ने कलाकारों के जीवन और उनकी साहित्यक कृतियों से श्रोताओं को अवगत करवाया। प्रो. निर्मल जोढ़ा ने गीतकार इंद्रजीत हसनपुरी, नवदीप सिंह गिल ने लेखक राम स्वरूप अणखी, प्रो. योगराज ने अमृता प्रीतम और निन्दर घुग्याणवी ने प्रो. अजमेर सिंह औलख की जि़ंदगी संबंधी प्रकाश डाला। इस मौके पर जहाँ अमर सिंह शौंकी, आसा सिंह मस्ताना, डा. हरभजन सिंह, विधाता सिंह तीर, तारा सिंह कामल और रघबीर सिंह चंद की यादें भी सांझी की गई , वहीं गायिका सुखी बराड़, नीलम शर्मा, विशाल सैनी, रावी बल्ल, गुरिन्दर गैरी, शैडी सिंह, सुखविन्दर सुखी, शगनप्रीत और मनप्रीत भट्टी ने उक्त कवियों, कलाकारों के कलमें सुना कर समय बांध दिया। पंजाब कला परिषद के मीडिया कोअॅाडीनेटर और इस प्रोग्राम के कनवीनर श्री निन्दर घुग्याणवी ने मंच संचालन करने के साथ साथ हास्यरस के टोटके सुना कर श्रोताओं का मनोरंजन किया। इस समागम में पूर्व मंत्री श्रीमती गुरकंवल कौर, कैनेडा से गुरदीप लद्धड़, आस्ट्रेलिया से अमरजीत सिंह, लेखक जंग बहादुर गोयल, एनएस रत्न, सुभाष भास्कर, जतिन्दर मोदगिल्ल, डा.सुरिन्दर गिल, दीपक शर्मा चनारथल आदि भी उपस्थित थे।