वाशिंगटन। वियतनाम वार के हीरो व सीनेटर जॉन मैक्केन के निधन पर उन्हें उचित सम्मान न देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सवालों के घेरे में हैं। 2008 में राष्ट्रपति उम्मीदवार रह चुके मैक्केन ट्रंप के कड़े आलोचक थे। दोनों रिपब्लिकन नेताओं के बीच का मतभेद जगजाहिर था।
ट्रंप ने केवल एक ट्वीट कर जताया था शोक:-शनिवार को 81 साल की उम्र में मैक्केन का निधन हुआ था। ट्रंप ने ट्वीट कर उनके देहांत पर दुख प्रकट किया था। उन्होंने ह्वाइट हाउस का झंडा भी आधा झुकाने का आदेश दिया था। हालांकि, सोमवार को झंडा फिर से ऊंचा कर दिया गया। इसपर कई लोगों ने अपनी नाराजगी जताई जिसके बाद झंडा वापस से झुका दिया गया। अमेरिका में बड़ी शख्सियतों के निधन के शोक में झंडे उनकी अंतिम क्रिया के बाद तक झुकाए रखने का नियम है। दिवंगत नेता को दो सिंतबर को एनापोलिस की नेवल अकादमी में दफनाया जाएगा।मैक्केन ने अमेरिका के नाम विदाई संदेश भी छोड़ा था। संदेश में उन्होंने लिखा, ‘हम अपनी महानता को तब कमजोर कर देते हैं जब हम दीवारें तोड़ते नहीं बल्कि उसकी आड़ में छिप जाते हैं।’ इस संदेश ने ट्रंप की आलोचना में घी का काम किया।अपने ऊपर बढ़ते दबाव को देखते हुए ट्रंप ने सोमवार देर अपना बयान जारी किया। इसमें उन्होंने मैक्केन की तारीफ की और कहा, ‘नीतियों और राजनीति पर मतभेद के बाद भी मैं मैक्केन के योगदानों का आदर करता हूं। अमेरिका और अमेरिकी लोगों की सेवा में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा।’ बता दें कि मैक्केन साढ़े पांच साल तक वियतनाम में युद्ध-बंदी थे।