संयुक्त राष्ट्र – संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने भारत के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सत्या एस त्रिपाठी को यूएन पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) का प्रमुख नियुक्त किया है। वह इलियट हैरिस का स्थान लेंगे। इसके साथ ही उन्हें सहायक महासचिव भी बनाया गया है। यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने सोमवार को कहा,’त्रिपाठी वरिष्ठ अर्थशास्त्री और वकील हैं। यूएन से वह वर्ष 1998 से जुड़े हुए हैं। 35 साल के इस लंबे अनुभव के दौरान वह यूरोप, एशिया और अफ्रीका में यूएन के रणनीतिक, सतत विकास, मानवाधिकार, लोकतांत्रिक शासन और कानूनी मामलों के कार्यक्रम पर काम कर चुके हैं।’त्रिपाठी ने ओडिशा की बेरहमपुर यूनिवर्सिटी से कॉमर्स से स्नातक और स्नातकोत्तर किया है। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने नेचुरल रिसोर्स गवर्नेस में वरिष्ठ फेलो के रूप में भी काम किया है। वह विकासशील देशों में वनों की कटाई से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के यूएन के कार्यक्रम के निदेशक और कार्यकारी प्रमुख भी रह चुके हैं। साथ ही वह सुनामी के बाद इंडोनेशिया में राहत कार्यो से जुड़े कार्यक्रम के समन्वयक रहे।त्रिनिदाद और टोबैगो के एलियट हैरिस की जगह लेने वाले त्रिपाठी 2017 से ही यूएनइपी में सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के वरिष्ठ सलाहकार रहे हैं। यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्टैफेन दुजार्रिक ने बताया, ‘विकास अर्थशास्त्री और 35 सालों के अनुभवी वकील त्रिपाठी 1998 से अफ्रीका, एशिया और यूरोप में यूएन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यहां मानवाधिकार, लोकतांत्रिक प्रशासन, कानूनी मामलों के रणनीतिक असाइनमेंट पर काम किया है।’साथ ही त्रिपाठी ने इंडोनेशिया की सहायता के साथ विकासशील देशों में वनों की कटाई से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए यूएन ऑफिस में निदेशक व कार्यकारी प्रमुख के तौर पर काम किया। इसके अलावा एकेह और नियास में सुनामी और संघर्ष के बाद जीवन को पटरी पर लाने के लिए यूएन रिकवरी कोऑर्डिनेटर के तौर पर काम किया।भारत के बेरहामपुर यूनिवर्सिटी से त्रिपाठी ने कॉमर्स में ऑनर्स, बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री हासिल किया। पर्यावरण पर केंद्रित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण विश्व निकाय की अग्रणी एजेंसी है। यह सरकारों, प्राइवेट सेक्टर, सिविल सोसायटी और अन्य यूएन संस्थाओं के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भी काम करती है।
