नई दिल्ली : देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इससे देश भर में चुनावी खर्च पर अंकुश लगने के साथ ही विकास की रफ्तार तेज होगी और देश का संघीय ढांचा मजबूत होगा। शाह ने सोमवार को विधि आयोग को एक विस्तृत पत्र लिख कर यह आग्रह किया। भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बलबीर चौहान को उक्त पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि देश में कहीं न कहीं चुनाव होते ही रहते हैं जिसके कारण केंद्र और राज्य सरकारों के विकास कार्य प्रभावित होते हैं। वहीं बार बार चुनाव कराने के कारण काफी पैसा भी खर्च होता है। पूरी प्रशासनिक प्रणाली इसी में व्यस्त हो जाती है। लिहाजा देश में एक साथ चुनाव कराना उचित होगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना केवल परिकल्पना नहीं है। इसे व्यवहारिक रूप से लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह दलील निराधार है कि एक साथ चुनाव देश के संघीय स्वरूप के खिलाफ है बल्कि एक साथ चुनाव कराने से देश का संघीय स्वरूप मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विरोध राजनीति से प्रेरित है। इससे अल्पकालिक असुविधा हो सकती है लेकिन दीर्घकालिक रूप से इससे देश को बहुत लाभ होगा। सरकारों को विकास पर ध्यान देने और तेजी से काम करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने विधि आयोग से इस बारे में सार्थक बहस प्रेरित करने और उसे तार्किक परिणति तक ले जाने की अपेक्षा भी व्यक्त की। गौरतलब है कि एक साथ चुनाव कराने की व्यवहारिकता पर विधि आयोग विचार कर रहा है और वह अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राजनीतिक दलों के विचार जान रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक साथ चुनाव कराने पर बार- बार जोर देते रहे हैं।