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नम आंखों ने दी एम. करुणानिधि को आखिरी विदाई

चेन्नई के मरीना बीच पर दफनाए गए एम करुणानिधि, परिवार और समर्थकों ने नम आंखों से दी विदाई, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, कानूनी लडाई के बीच सुबह मद्रास हाईकोर्ट ने दी थी मरीना बीच पर दफनाने की अनुमति. एक साथ कई शख्सियतों के मालिक, एक विचारक, राजनेता, लेखक, समाज-सुधारक और प्रशासक करुणानिधि अलग अलग किरदारों के साथ जनता के बीच करीब 80 वर्षों तक सार्वजनिक मंच पर रहे। लेकिन गौरतलब ये है कि असल जिंदगी में उनके निभाए सभी किरदार तमिलनाडु की जनता ने खूब पसंद भी किए। आज कई मंचों से एक खालीपन की बात शायद इसीलिए की जा रही है। करुणानिधि को दफनाते समय उनके बेटे स्टालिन, एम. के सेल्वम, अलागिरी और कनिमोझी समेत उनके रिश्तेदार और द्रविड नेता मौजूद थे। कई दलों के नेता भी इस मौके पर मौजूद थे। साथ ही आस पास के इलाकों में समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा था जो अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई के लिए पहुंचे थे। हर कोई कलैनार को आखिरी बार श्रद्धांजलि देना चाहता था । इस मौके पर माहौल बेहद गमगीन था। पूरे राजकीय सम्मान के साथ जब उन्हें दफनाया गया तो परिवार के लोगों के साथ ही समर्थकों की भी आंखे नम थी। इससे पहले सुबह करुणानिधि का पार्थिव शरीर सीआईटी नगर आवास से राजाजी हॉल लाया गया ताकि जनता अपने पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन कर सके। वहां पर उनके पार्थिव शरीर पर पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज रखा गया। उस ताबूत पर लिखा था-जिसने बिना आराम किए काम किया वो अब यहां पर शांति की नींद सो रहे हैं। तिरंगे में लिपटे करुणानिधि के पार्थिव शरीर के पास उनकी स्टालिन समेत पूरा परिवार और पार्टी के दिग्गज नेता मौजूद थे । समर्थक और शोकाकुल लोग लोग सुबह से ही राजाजी हॉल में उमड़ने लगे जिनमें से कुछ अपने नेता के नाम के नारे लगा रहे थे। अंतिम विदाई देने के लिए राजाजी हॉल में बड़ी संख्या में लोगों की कतारें लग गईं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम, लोकसभा के उपसभापति एम थंबीदुरई, राज्य के वरिष्ठ मंत्री, एएमएमके नेता और आरके नगर से विधायक टीटीवी दिनाकरण, सुपरस्टार रजनीकांत और उनके परिवार तथा अभिनेता शिवकार्तिकेयन ने करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, चंद्रबाबू नायडू, समेत कई अन्य दलों के लोग भी अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, भी अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। राजाजी हॉल में उनके आखिरी दर्शन के लिये लोगों की भीड़ इस कदम उमड़ी की भगदड़ जैसे हालात बन गए। इस दौरान धक्कामुक्की में हल्की चोट आई तो कुछ इस दौरान बेहोश हो गए। भारी भीड़ के बीच एम के स्टालिन लोगों से शांति बनाए रखने और कार्यकर्ताओं से श्रद्धांजलि देने के फौरन बाद शांतिपूर्ण तरीके से वहां से निकल जाने का अनुरोध करते रहे। दोपहर बाद उनके पार्थिव शरीर को राजाजी हाल से मरीना बीच के लिए एक जुलूस की शक्ल में ले जाया गया । एक गाडी में उनका पार्थिव शरीर रखा जो फूल मालाओं से सजा था । इस वाहन के साथ ही हजारों की संख्या में समर्थक आखिरी यात्रा में साथ साथ चल रहे थे । दिन भर की श्रद्दांजलि के साथ भले ही शाम को उन्हें मरीना बीच पर दफना दिया गया हो लेकिन इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई लडी गयी। आखिरकार सुबह ग्यारह बजे के करीब मद्रास उच्च न्यायालय ने उन्हें मरीना बीच पर दफनाने का रास्ता साफ कर दिया। मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए स्थान देने की डीएमके की याचिका पर विशेष सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि इसमें कानूनी अड़चनें हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एच जी रमेश और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने कहा,याचिकाकर्ता द्वारा दी गई रूपरेखा के अनुसार सम्मानजनक रूप से दफनाने के लिए फौरन एक स्थान मुहैया कराएं। स्थान आवंटित करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। पहले ही सभी द्रविड नेताओं के लिए मरीना में स्थान आवंटित किया हुआ है। मौजूदा मामले में अलग रुख अपनाने की कोई जरुरत नहीं है।”

अदालत ने कहा कि सरकार यह बताने में विफल रही कि मरीना बीच पर नेता को दफनाने की अनुमति देने के रास्ते में कौन सी कानूनी अड़चनें हैं। इससे पहले पारिस्थितिकी तथा अन्य चिंताओं को लेकर बीच पर दफनाने के खिलाफ पांच याचिकाएं वापस ले ली गई। अदालत का आदेश आते ही वहां से करीब आठ किलोमीटर दूर राजाजी हॉल में द्रमुक के हजारों समर्थकों ने ‘कलैगनार पुगाझ ओनगुगा’ के नारे लगाए। इस बीच तमिलनाडु में आज सुरक्षा बेहद कड़ी रही। तमिलनाडु सरकार ने आज करुणानिधि के सम्मान में स्थानीय छुट्टी का ऐलान किया था। इस वजह से सडकों पर सन्नाटा छाया रहा। करुणानिधि का अंतिम संस्कार हो गया और वो लोगों के बीच नहीं रहे लेकिन लोगों के दिलों में वो हमेशा बने रहेंगे।

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