दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन और आइडिया सेलुलर के प्रस्तावित मर्जर प्लान को अंतिम मंजूरी दे दी है। इसी के साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का बनने का रास्ता अब साफ हो गया है। विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। सूत्रों के मुताबिक, दूरसंचार विभाग ने दोनों कंपनियों के प्रमुख को सर्टिफिकेट सौंप दिए हैं।बनेगी देश की बडी कंपनी
दूरसंचार विभाग ने 9 जुलाई को दोनों कंपनियों के विलय को सशर्त मंजूरी दी थी। विभाग ने कंपनियों से एकबारगी स्पेक्ट्रम शुल्क और अन्य देनदारियों का भुगतान करने को कहा था। एक दिन पहले ही आइडिया ने मर्जर की एवज में दूरसंचार विभाग को बैंक गारंटी के रूप में 7249 करोड़ रुपए दिए थे। इसके अलावा कंपनी ने यह भरोसा भी दिया है कि वह अदालती आदेश के अनुसार स्पेक्ट्रम संबंधी सभी बकायों का निपटान करेगी। स्पेक्ट्रम शुल्क टुकड़ों में भुगतान के लिए वोडाफोन इंडिया की 1 साल की बैंक गारंटी की जिम्मेदारी आइडिया को लेनी होगी। गौरतलब है कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी होगी जिसका मूल्य डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक (23 अरब डॉलर) होगा। नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी
यूजर्स पर क्या होगा असर
कंपनी का नाम बदलने पर आइडिया और वोडाफोन के यूजर्स नई कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के ग्राहक बन जाएंगे। नई कंपनी के ऑफर्स और नए प्लान का फायदा उन्हें मिलेगा। इसके अलावा, जियो और एयरटेल से टक्कर लेने के लिए कंपनी यूजर्स को कुछ अतिरिक्त लाभ भी दे सकती है।नई कंपनी बनाने के बाद भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी नहीं रह जाएगी। संयुक्त उद्यम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 प्रतिशत और कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तथा आइडिया के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 28.9 प्रतिशत होगी।