पंजाब

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा ओ.ओ.ए.टीज़ और अन्य नशामुक्ति केन्द्रों को आधार से जोडऩे के निर्देश

सरकारी केन्द्रों में लिए जाते 200 रुपए दाखि़ला शुल्क को माफ करने का आदेश 
स्व रोजग़ार स्कीमों में पुनर्सुधार वाले नशों के आदियों को प्राथमिकता देने का ऐलान 
चंडीगढ़
राज्य से नशों के ख़ात्मे की सरकारी कोशिशों को और बढ़ावा देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सरकारी और निजी नशामुक्ति और पुनर्सुधार केन्द्रों के साथ ओ.ओ.ए.टी के नैटवर्क को मज़बूत बनाने के लिए इनको आधार के साथ जोडऩे के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जाते केन्द्रों में लिए जाने वाले 200 रुपए के दाखि़ले शुल्क को भी माफ करने के हुक्म दिए हैं। विभिन्न केन्द्रों में आने वाले नशों के आदियों के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से पहले ही घोषित की गई मुफ़्त इलाज से इस दाखि़ले शुल्क की माफी अलग है।  आज यहाँ सरकार की नशा विरोधी मुहिम की प्रगति का सभी जिलों के डिप्टी कमीश्नरों और एसएसपीज़/सी.पीज़ के साथ जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार के साथ इन केंद्रों को जोडऩे से डुप्लिकेट रजिस्ट्रेशन से बचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पीडि़तों, उनके परिवारों और सूचना देने वालों के लिए सुविधाजनक और विश्वसनीय पहुँच के लिए दो हेल्प लाईनें 24 घंटे काम कर रही हैं जिनमें पुलिस की हेल्प लाईन 181 और स्वास्थ्य विभाग की 104 है।
कुछ निजी केन्द्रों की प्रतिदिन बूप्रैनोफिन की 1 लाख से अधिक बिक्री होने की रिपोर्टों पर चिंता प्रकट करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नशामुक्ति ड्रग की बिक्री के विरुद्ध ज़ोरदार कार्यवाही करने के लिए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को हुक्म जारी किये क्योंकि इसकी नशों के आदियें द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है और इसके बहुत बुरे नतीजे निकलते हैं। इससे मौत भी हो सकती है। उन्होंने फार्मेसियों को आगे किराये पर देने की चैकिंग करने के लिए भी अधिकारियों को कहा। मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री को ड्रग की बिक्री पर निगरानी रखने संबंधी पायलट प्रोजैक्ट की प्रगति बारे बताया गया। डाक्टर की लिखित के बिना कैमिस्टों द्वारा अनाधिकृत तौर पर ड्रग की बिक्री की जा रही है जिस पर निगरानी रखने के लिए यह प्रोजैक्ट शुरू किया है। इस दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ के उस विचार से भी सहमति प्रकट की जिसमें उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर प्रभावी बदलाव लाने के लिए पार्टी विधायकों को शामिल किया जाये जिससे लोग यह महसूस करें कि पिछली सत्ता से स्थिति बिल्कुल बदल गई है। इससे पहले जाखड़ ने इस समस्या के सम्बन्ध में कहा कि अकाली सरकार की तरफ से नशों के व्यापार के लिए राजनैतिक सरपरस्ती उपलब्ध करवाई गई।
मुख्यमंत्री ने चुने हुए नुमायंदों को बनता सत्कार देने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को पहले दीं हिदायतों को दोहराया। उन्होंने कहा कि पंजाब को नशों से पूरी तरह मुक्त कराने के लिए इकठ्ठा होकर काम किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि घर -घर रोजग़ार प्रोग्राम के तहत स्व -रोजग़ार स्कीमों में पुनर्सुधार वाले नशों के आदियों को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने लाभ के तौर पर सूचना देने वालों को सरकारी नौकरी दिए जाने के संबंध मेें विचार करने का भी सुझाव दिया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक बुराई से लडऩे के लिए पीडि़तों और उनके परिवारों को शिक्षित और जागरूक किया जाये और पीडि़तों को नशामुक्ति केन्द्रों और पुनर्सुधार केन्द्रों में लाने के लिए उनके परिवारों को प्रेरित किया जाये।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीटिंग के दौरान नशों के आदियों की रजिस्ट्रेशन के लिए एक मोबाइल एप ‘नव-जीवन’ शुरू करने संबंधी बताया। उन्होंने आगे बताया कि एक और एप जल्द ही शुरू की जायेगी जिससे लोग सूचना उपलब्ध करवाने के योग्य हो सकें।
मीटिंग के दौरान ओ.ओ.ए.टी मोबाइल वैनें भी शुरू करने का फ़ैसला किया जो गाँवों में जाकर नशों के आदियों को इलाज उपलब्ध करवाएंगी।  मीटिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशों से सम्बन्धित अपराधों के संबंध में इस समय 40 प्रतिशत लोग जेलों में हैं। थोड़े समय के लिए नशों की बिक्री करने वालों को एन.डी.पी.एस एक्ट के अधीन नशामुक्ति प्रोग्राम अपनाने की जेल की शर्तों के तहत आज्ञा दी गई है परन्तु इस व्यवस्था का उचित ढंग से प्रयोग नहीं किया जा रहा। मुख्यमंत्री ने थोड़ा समय अपराध में रहने वाले जेलों में बंद इन व्यक्तियों की जागरूकता के लिए कदम उठाने के लिए निर्देश दिए। मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एन.एस. कलसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य सतीश चंद्र और नोडल अफ़सर डी.ए.पी.ओ. राहुल तिवाड़ी उपस्थित थे।
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