कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संसद में राफेल सौदे में लगाए गए आरोपों पर फ्रांस सरकार के बयान ने राहुल गांधी के आरोपों की पोल खोल दी है. फ्रांस सरकार की ओर से कहा गया है कि राफेल डील की जानकारी दोनों देश सार्वजनिक नहीं कर सकते. 2008 में सुरक्षा समझौता के तहत ये सीक्रेसी समझौता हुआ था.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल के आरोप को बेबुनियाद और गुमराह करने वाला बताया और कहा कि फ्रांस के साथ सीक्रेसी समझौता भाजपा ने नहीं बल्कि कांग्रेस की सरकार ने किया था. हम तो सिर्फ इसे आगे बढ़ा रहे हैं. अब बीजेपी राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत की. राहुल ने एनडीए सरकार पर वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया. फ्रांस के साथ राफेल सौदे का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने उन्हें बताया कि दोनों देशों के बीच राफेल को लेकर कोई सीक्रेट डील नहीं है. राहुल के आरोपों पर जमकर हंगामा मचा और बाद में आरोपों के जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनडीए सरकार यूपीए के जमाने में हुए समझौते को ही आगे बढ़ा रही है.
राहुल ने सदन में भले ही बयान दे दिया लेकिन फ्रांस सरकार ने राहुल के बयान को झुठला दिया है. फ्रांस की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने संसद में दिए राहुल के बयान पर गौर किया है. बयान में आगे कहा गया है कि 2008 में भारत और फ्रांस के बीच एक रक्षा करार हुआ था, जिसके तहत दोनों देश क्लासीफाइड सूचनाएं न देने के लिए कानूनन बाध्य हैं. 23 सितंबर, 2016 को भारत और फ्रांस के बीच हुए आईजीए के तहत ये प्रावधान लागू होते हैं, जो 36 राफेल विमानों और हथियारों से संबंधित हैं. फ्रांस सरकार ने ये भी कहा, सूचनाएं सार्वजनिक होने से भारत और फ्रांस के रक्षा उपकरणों की सुरक्षा और क्षमता प्रभावित हो सकती है.
जाहिर है राहुल का बयान उनके ही गले पड़ गया है. उधर संसद में भी राहुल इस बयान पर फंस गए हैं. बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने बिना तथ्यों के आधार पर गलत आरोप लगाने पर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने सरकार पर तमाम और आरोप लगाए. हालांकि उनके आरोपों के दौरान पीएम मोदी सदन में मुस्कुराते दिखाते दिए. भाषण खत्म करने के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री के पास पहुंचे और बहुत नाटकीय अंदाज में उनके गले लग गए. पीएम ने भी उनको जवाब देते हुए उन्हें गले लगाया और उनकी पीठ थपथपाई. हालांकि बीजेपी और सहयोगी दलों ने राहुल के बयान को बचकाना और हास्य से भरा करार दिया और कहा कि उनके तमाम आरोप बिना सूबत के हैं.
फिलहाल राहुल गांधी भले ही पीएम के गले लगे और वाहवाही लेने की कोशिश की हो लेकिन फ्रांस की ओर से आए बयान के बाद अब वो अपने भाषण पर फंसते दिखाई दे रहे हैं.