ऐसे मिलावटी पदार्थ मालिकाना खाद्य पदार्थों के तौर पर भी नहीं बेचे जा सकेंगे
चंडीगढ़ – सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडरडज़ एक्ट 2006 की धारा 30 (2) (ए) और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडरडज़ रैगूलेशनज़, 2011 के नियम 2.1.1. के अंतर्गत पाबंदी के आदेश जारी करते हुये पंजाब के फूड एंड ड्रग ऐडमिनस्ट्रेशन कमिशनर स. काहन सिंह पन्नू ने बताया कि वनस्पती में अन्य पदार्थों की मिलावट और घी में दूध की फैट से बिना अन्य पदार्थों की मिलावट से तैयार किये कुकिंग मीडियम के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री पर पंजाब में पाबंदी लगाई गई है। ऐसे मिश्रण मालिकाना खाना पदार्थों के तौर पर भी नहीं बेचे जा सकेंगे।उन्होंने कहा कि यह आदेश 1 साल के लिए लागू किये गए हैं जोकि 15 जनवरी, 2020 से प्रभावी होंगे।उन्होंने बताया कि फूड एंड ड्रग ऐडमिस्ट्रेशन कमिशनर, पंजाब के कार्यालय द्वारा सितम्बर महीने के दौरान कई फर्मों के लाइसेंस रद्द किये गए थे जो कि रैगूलेशनज़ 2011 के नियमों का उल्लंघन करके ऐसे मिलावटी मिश्रण तैयार कर रही थीं। परन्तु राज्य से बाहर तैयार किये उत्पादों के साथ ऐसे मिलावटी मिश्रणों की बिक्री होती रही, इसलिए आधा सितम्बर महीना गुजरने के बाद पंजाब में ऐसे मिलावटी मिश्रणों के निर्माण /बिक्री /वितरण पर मुकम्मल पाबंदी लगाने सम्बन्धी ऐतराज़ माँगे गए और किसी भी तरह के ऐतराज़ दर्ज करवाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया।मैसर्ज तपन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमटिड, आगरा द्वारा इस नोटिस सम्बन्धी ऐतराज़ दर्ज करवाये गये। मैसर्ज तपन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमटिड के प्रतिनिधि को निजी सुनवाई के लिए का मौका दिया गया और बताया गया कि मैसर्ज तपन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमटिड द्वारा तैयार किये जाते मिश्रणों के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडरडज़ (बिक्री पर पाबंदी और रोक) रैगूलेशनज़, 2011 के नियम 2.1.1. के अंतर्गत कोई छूट नहीं है। यह भी स्पष्ट किया गया कि ऐसे मिलावटी मिश्रण मालिकाना खाद्य पदार्थों के तौर पर भी नहीं बेचे जा सकते।पन्नू ने बताया कि यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में फूड बिजऩस ऑपरेटर रैगूलेशनज़, 2011 का घोर उल्लंघन करते हुये कुकिंग मीडियम, लाईट घी, पूजा घी, ऐकटिवो लाईट, प्रीत लाईट, अलट्रा क्लासिक आदि नामों के तहत ऐसे कुकिंग मीडियम बेच रहे हैं। ऐसे कुकिंग मीडियमों में बड़ी मात्रा में सैचूरेटड फैट और ट्रांस फैट होती है जोकि उत्पाद को तलने आदि के लिए प्रयोग करते समय और भी कई गुणा बढ़ जाती है। ट्रांस फैट के मानवीय स्वास्थ्य पर दूष्प्रभाव पड़ते हैं जोकि हाइपरटेंशन और दिल के रोगों का कारण बनती है। यह उत्पाद वनस्पती में अन्य पदार्थों की मिलावट और घी में दूध की फैट के बिना अन्य पदार्थों की मिलावट से बनाऐ जाते हैं जोकि मानवीय स्वास्थ्य के लिए घातक हैं और ऐसे पदार्थों पर रैगुलेशनज़, 2011 के अंतर्गत राज्य में पाबंदी लगाई गई है।
