उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, महामारी, वित्तीय संकट साइबर सुरक्षा जैसी समकालीन चुनौतियों की नहीं होती कोई सीमा रेखा, बाकू में 18वें गुट निरपेक्ष सम्मेलन को किया संबोधित, उपराष्ट्रपति ने एकजुट होकर इन चुनौतियों से निपटने पर दिया ज़ोर.दुनिया के 120 मुल्कों के रहनुमा गुटनिरपेक्ष देशो के 18वे सम्मेलन में अज़रबैजान की राजधानी बाकू में इकट्ठा हुए तो विश्व शांति, सुरक्षा, सहअस्तित्व, और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा हुई, लेकिन सबसे गर्मागर्म बहस हुई आतंकवाद के मुद्दे पर। पाकिस्तान की ओर से यहां भी कश्मीर का मुद्दा छेड़ने पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दुनिया भर के देशों के सामने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने विश्व नेताओ से साफ कहा कि पाकिस्तान ही वो आतंक की फैक्ट्री है जहाँ से दुनिया भर में आतंक की सप्लाई होती है। उन्होने कहा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उपराष्ट्रपाती ने विश्व नेताओं से साफ कहा कि वक्त आ गया है जब आतंक के खिलाफ समन्वित और प्रभावी कार्यवाई की जाए और इसके लिए दुनिया भर के देशों का एक संयुक्त मोर्चा बनाना चाहिए। उपराष्ट्रपाती ने गुटनिरपेक्ष देशो के संगठन से अपनी प्रसंगिगता बनाये रखने के लिए बदलती वैश्विक चुनौतियों के अनुसार अपना फोकस भी बदलने की बात कही। भारत का दृश्टिकोण रखते हुए उपराष्ट्रपाती ने कहा कि गुटनिरपेक्ष देशो के इस संगठन को किसी विचारधारा या गुट के पक्ष या विपक्ष में नही रखा जाना चाहिए। इससे पहले तीन दिवसीय दौरे पर अज़रबैजान गये उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सम्मेलन से पहले ईरान, नेपाल और बांग्लादेश के नेताओं से मुलाकात की।उपराष्ट्रपति ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात की। वेंकैया नायडू ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती पर डाक टिकट जारी करने के लिए अजरबैजान को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि NAM में दुनिया के 120 देश शामिल हैं। पिछली बार वेनेजुएला में 2016 में ये सम्मेलन हुआ था। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक सदस्य रहा है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन का जन्म तब हुआ था, जब दुनिया पूरी तरह से अमेरिकी और पू्र्व सोवियत खेमे में बंटी थी.