आरटीफीशयल इंटेलिजेंस के मज़बूतीकरण के लिए इलाके के अनुसंधान संस्थानों को आपसी सहयोग देने की ज़रूरत पर दिया ज़ोर
चंडीगढ़ – क्षेत्र को संस्थागत तौर पर मज़बूती प्रदान करने के उद्देश्य से ‘आरटीफीशयल इंटेलिजेंस (ए.आई.)’ को मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए और प्रफुल्लित करने के लिए पंजाब सरकार और पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल एजुकेशन एंड रिर्सच द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में साझे यत्न करने के लिए सहमति अभिव्यक्ति गई है। इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुए विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और वातावरण के प्रमुख सचिव श्री राकेश वर्मा ने आज बताया कि कोयले और स्टीम, बिजली और इलैक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर क्षेत्र में आई क्रांति के बाद अब आरटीफीशयल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में चौथी क्रांति आई है। स्वास्थ्य सम्बन्धी मसलों से सभ्यक ढंग से निपटने के लिए ए.आई. न केवल नवीनतम प्रौद्यौगिकी का एक सिरमौर रूप है जिसके साथ विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज किया जाना संभव है बल्कि इसका सांसारिक विकास में अटूट योगदान है। उन्होंने कहा कि ए.आई. को प्रफुल्लित करने का यह प्रयास राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। प्रमुख सचिव बायोमैडीकल डिवाईसिज़ एंड इंस्ट्रूमैंट हब्ब पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ द्वारा आयोजित एप्लीकेशन ऑफ ए.आई. इन बायोमैडीकल इंस्ट्रूमैंटेशन एंड सर्टीफीकेशन ऑफ बायोमैडीकल डिवाईसिज़ सम्बन्धी एक दिवसीय सिम्पोजिय़म में डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को संबोधन कर रहे थे। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा पीजीआई स्थित मैडीकल डिवाइस हब्ब के संंस्थागत मजबूतीकरण, आईआईटी रोपड़ में हाईऐंड इंस्टरूमैंटेशन एंड ऐक्सपरटीज़, सॉफ्टवेयर टैक्रोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया ( एस.टी.पी.आई) मोहाली में सैंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के समय की चुनौतियों से निपटने के लिए लाभप्रद हैं। उन्होंने बताया कि ए.आई. और मैडीकल डिवाईसिज़ को प्रफुल्लित करने के मद्देनजऱ मोहाली में ग्लोबल इनोवेशन हब्ब एंड लाईफसायंस पार्क स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में शुरू किये गए मिशन इनोवेट और मिशन तंदुरुस्त पंजाब 2.0 संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में जटिल समस्याओं से निपटने में ए.आई. की भूमिका और महत्ता को उजागर किया। उन्होंने वैश्विक औसत के संबंध में स्वास्थ्य देखभाल और मैडीकल यंत्रों सम्बन्धी भारत का प्रति व्यक्ति खर्चे को भी उभारा और मौजूदा समय में आयात किये जा रहे 70-75 फीसदी मैडीकल यंत्रों संबंधी भी जि़क्र किया। उन्होंने आगे बताया कि मैडीकल यंत्रों के क्षेत्र में ए.आई. के प्रयोग के मद्देनजऱ भारत दुनिया के नक्शे में ए.आई. के नवीनतम ब्रांड के तौर पर अपनी पकड़ और विशेषताएं दर्ज कराने के लिए यत्नशील है। इस मौके पर पीजीआईएमईआर के डायरैक्टर डा. जगत राम ने पंजाब सरकार के प्रयासों को स्वीकार करते हुए विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और वातावरण के प्रमुख सचिव का नयी खोजों को मज़बूती प्रदान करने सम्बन्धी पहलकदमियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद किया।