चंडीगढ़ – फूड सेफ्टी की टीमों ने वाजिब लाइसेंस के बिना भोजन पकाने वाले माध्यम (कुकिंग मीडियम) का उत्पादन करने वाली 11 घी उत्पादक इकाईयों का पर्दाफाश करके लाइसेंस रद्द किये हैं। यह जानकारी फूड और ड्रग प्रबंधन, पंजाब के कमिश्नर के.एस. पन्नू ने दी।इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुए श्री पन्नू ने बताया कि घी के उत्पादन के लिए फर्मों को राज्य सरकार से एक लाइसेंस लेना अपेक्षित होता है। परन्तु भोजन पकाने वाले माध्यम जिनमें वनस्पती तेलों और दूध की फैट को मिलाया जाता है, के लिए केंद्रीय एजेंसी से प्रोप्रायट्री कैटेगरी के अंतर्गत लाइसेंस लेना ज़रूरी होता है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा प्रोप्रायट्री कैटेगरी वाले लाइसेंस तब दिए जाते हैं जब मिलाए गए तत्वों की मात्रा ज़रुरी मापदण्डों के मुताबिक पाई जाये। उन्होंने आगे बताया कि घटिया दर्जे का कुकिंग मीडियम बनाने वाले उत्पादक न केवल नियमों का उल्लंघन करते हैं बल्कि देसी घी उत्पादन के नाम पर ऐसा घटिया दर्जे का कुकिंग मीडियम बना कर लोगों और फूड सेफ्टी की टीमों को गुमराह करते हैं।श्री पन्नू ने बताया कि क्योंकि इन फर्मों के पास घी के उत्पादन का लाइसेंस था परन्तु यह कुकिंग मीडियम का उत्पादन करते हुए पाए गए इसलिए इन फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उक्त फर्मों द्वारा संतुष्टीपूर्ण जवाब न मिलने के कारण इनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं जिससे यह फर्में अपने लाइसैंसों का दुरुपयोग न कर सकें। यह तब तक कुकिंग मीडियम का उत्पादन /बिक्री नहीं कर सकते जब तक निर्धारित श्रेणी के अधीन अपेक्षित लाइसेंस प्राप्त न कर लें।जिन फर्मों के लायसेंस रद्द हुए हैं उनमें से जि़ला बडिंठा की 8 फर्में जैसे न्यू एस.के. एग्रो इंडस्ट्री, अशोका एग्रो, अनमोल फूड रामपुरा फूल, श्री बालाजी ट्रेडिंग, बी.एस एग्रो, गोयल सन्नज़, ए.आर एग्रो इंडस्ट्री और मैरी एग्रो और जि़ला मानसा से गणेश एग्रो फूडज़ और श्री कृष्णा फूडज़ और बरनाला की जुगल किशोर एंड कंपनी शामिल हैं।