प्रभावित गाँवों में बचाव और राहत कार्यों में और तेज़ी लाने के दिए आदेश
चंडीगढ़ – पंजाब सरकार द्वारा बाढ़ पीडि़तों के लिए बड़े स्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाने के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 1000 करोड़ रुपए का विशेष बाढ़ राहत पैकेज माँगा है जिससे बाढ़ों से हुए नुकसान की पूर्ति की जा सके।मुख्यमंत्री ने साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास यह भी माँग की है कि वह मौजूदा फ़सलीय सीजन के दौरान प्रभावित हुए गाँवों के पीडि़त किसानों के बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से लिए फ़सलीय कजऱ्ों को माफ करने के लिए तुरंत सम्बन्धित अधिकारियों को भी हिदायतें दें।मुख्यमंत्री ने कहा कि 1958 के बाद अब तक का भाखड़ा डैम से सतलुज नदी में इस बार सबसे अधिक पानी छोड़ा गया जिससे खड़ी फसलों का नुकसान हो गया और ग्रामीण रिहायशी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए। शुरूआती अनुमानों के अनुसार इन बाढ़ों के कारण 1700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा पहले ही प्रभावित क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा घोषित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सेना की भी ज़रूरी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि सतलुज नदी में आए बाढ़ों के कारण कई स्थानों ख़ासकर रोपड़, लुधियाना, जालंधर और कपूरथला जिलों के 100 से अधिक गाँवों में बड़े स्तर पर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और घरों के साथ-साथ कई स्थानों पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को भी बहुत नुकसान हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि भारत सरकार से विशेष पैकेज लेने के लिए एक मैमोरेंडम तैयार करें।मुख्यमंत्री के निर्देशों पर प्राप्त हुई रिपोर्टों के अनुसार राज्य में 326 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और पानी में डूबने के कारण 1.20 लाख एकड़ क्षेत्रफल में फसलों का नुक्सान हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने आगे बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह जो कि ख़ुद स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं, के निर्देशों पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों ख़ासकर जालंधर और फिऱोज़पुर जिले में सेना, एन.डी.आर.एफ. और एस.डी.आर.एफ. की सेवाएं ली जा रही हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को इस मामले में विशेष मुख्य सचिव राजस्व और प्रमुख सचिव जल स्रोत के साथ निरंतर तालमेल स्थापित करने के लिए भी कहा है।प्रवक्ता के अनुसार युद्ध स्तर पर चलाए बाढ़ राहत और बचाव कार्यों स्वरूप अब तक 5023 लोगों को प्रभावित गाँवों में से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।जालंधर जिले में आज भारतीय सेना की मदद से 18 प्रभावित गाँवों के निवासियों को हैलीकॉप्टर के द्वारा 36 हज़ार पराठे, 18 हज़ार सूखे राशन के पैकेट और बोतल बंद पानी पहुँचाया गया है। डिप्टी कमिश्नर और एस.एस.पी. की निगरानी में आज सुबह राहत पैकेटों को जालंधर छावनी भेजा गया जहाँ से छ: हैलीकॉप्टर के द्वारा बाढ़ पीडि़तों के पास पहुँचाया गया।अकेले फिऱोज़पुर जिले में एन.डी.आर.एफ. और सेना की मदद से चलाए गए राहत कार्यों के द्वारा 368 लोगों को बचाया गया।लुधियाना में आज प्रशासन ने सुबह के समय मत्तेवाड़ा कांपलैक्स में घढ़ी फाजि़ल गाँव के नज़दीक सतलुज नदी में मुस्तैदी दिखाते हुए दरार पडऩे से बचा लिया। इसके अलावा पाँच प्रभावित गाँवों में 60 से अधिक लोगों को बचाया गया।कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी इलाके में प्रभावित हुए 62 गाँवों में 200 से अधिक लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।रोपड़ जिले में प्रशासन द्वारा 86 मल्टीपर्पज़ हैल्थ वर्करज़, 111 ए.एन.एम. नर्सों के साथ मैडीकल सुविधाओं से लैस 40 मोबाइल वैनों के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों की सेहत की जांच करके दवाएँ दी जा रही हैं। इसके अलावा बाढ़ के कारण बेघर और प्रभावित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए 10 राहत केंद्र भी बनाए गए हैं।