मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां सेना प्रशिक्षण कमांड (आर्टै्रक) शिमला द्वारा कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर शिमला के गेयटी थियेटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश के बहादुर सैनिकों, जिन्होंने कारगिल आक्रमण के दौरान देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, को श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश हमारे बहादुर सैनिकों, जिन्होंने देश की सुरक्षा व गौरव के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी, के बलिदानों को हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पूर्व कारगिल युद्ध के दौरान पूरा देश अपने सैनिकों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान युद्ध में देश पर हावी हो रहा था, परन्तु वाजपेयी जी की मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति के कारण दोनों देशों के बीच समझौते का दबाव बना, लेकिन वे नहीं झूके और भारतीय सेना को उनका पूर्ण सहयोग मिला।उन्होंने कहा कि उस समय की केन्द्र व राज्य सरकार ने आप्रेशन विजय के शहीदों के परिवारों को यथासंभव वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त उन्हें रोजगार, गैस एजेंसियां और पैट्रोल पम्प मुहैया करवाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि हिमाचल प्रदेश एक छोटा राज्य होने के बावजूद देश के लिए हमेशा बड़ा योगदान देता रहा है और विशेषकर हमारे वीर सैनिकों ने प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इस आप्रेशन के दौरान हिमाचल प्रदेश के 52 वीर सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और वीरगति को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है कि इस आप्रेशन के दौरान चार परमवीर चक्र में से दो परमवीर चक्र हिमाचल के वीर सैनिकों को दिए गए। इसके अलावा, छः वीरचक्र और छः सेना मेडल भी हिमाचल के सैनिकों को प्रदान किए गए।चीफ ऑफ स्टॉफ आर्ट्रैक लै. जनरल जी.एस. सांझा, लै. जनरल जे.के. शर्मा, सचिव भाषा कला एवं संस्कृति पूर्णिमा चौहान, सेना तथा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति व आम जन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।