राज्य में 45 खुले बोरवैल्ल बंद किए
चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा राज्य में सभी खुले बोरवैल्लों को बंद करने के दिए आदेशों के कुछ घंटों के अंदर ही ऐसे 45 बोरवैल्ल बंद कर दिए गए हैं जिससे भविष्य में किसी दुखद घटना को पुन: घटित होने से रोका जा सके। सुनाम के नज़दीक एक बोरवैल्ल में 108 घंटे अंदर रहने के कारण दो वर्ष के लडक़े की मौत हो गई थी।डिप्टी कमीश्नरों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने जिलों में बोरवैल्लों की स्थिति संबंधी रिपोर्टें सौंप दी हैं। मुख्यमंत्री ने सभी डिप्टी कमीश्नरों से खुले बोरवैल्लों संबंधी विस्तृत रिपोर्टें देने और इनको तुरंत बंद करने के आदेश दिए थे।रिपोर्टों के मुताबिक अब तक 45 खुले बोरवैल्ल बंद कर दिए गए हैं। इनमें से 26 बोरवैल्ल फतेहगढ़ साहिब जि़ले में पाए गए हैं जिनमें से बस्सी पठाना और खेड़ा ब्लॉक में 13-13 खुले बोर थे। इसी तरह मानसा जि़ले में आठ बोरवैल्ल बंद किये गए जबकि पटियाला और कपूरथला जिलों में तीन-तीन, गुरदासपुर जि़ले में दो और रोपड़ एवं होशियारपुर जिलों में एक-एक खुले बोरवैल्ल बंद कर दिए गए हैं। रोपड़ जि़ले में जहाँ 19 बोरवैल्ल ढक़े हुए नहीं पाए गए जिनमें से एक को बंद कर दिया गया है जबकि बाकियों को बंद करने की प्रक्रिया जारी है।एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक संयोगवश फिऱोज़पुर, फऱीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन जिलों में कोई भी बोरवैल्ल खुला हुआ नहीं पाया गया।सुनाम की घटना जिसमें दो वर्षीय फ़तेहवीर बोरवैल्ल में लम्बी जद्दो-जहद के बाद भी जीवित नहीं बच सका, का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के नेतृत्व वाले आपदा प्रबंधन ग्रुप को भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए एस.ओ.पीज़. (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) को अंतिम रूप देने के लिए कहा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहते कि भविष्य में खुले बोरवैल्ल के कारण किसी को भी अपनी जान गवांनी पड़े।