चंडीगढ़ – पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरु की गई मुहिम के अंतर्गत मई महीने के दौरान कुल 12 छापे मारकर 16 सरकारी कर्मचारियों और 1 प्राईवेट व्यक्ति को विभिन्न मामलों में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया जिनमें पुलिस विभाग के 4, राजस्व विभाग के 3 और अन्य विभिन्न विभागों के 9 कर्मचारी शामिल हैं।इस सम्बन्धी चीफ़ डायरैक्टर-कम-ए.डी.जी.पी विजीलैंस ब्यूरो पंजाब बी.के. उपल ने कहा कि इस दौरान ब्यूरो ने सार्वजनिक सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। इस दिशा में विजीलैंस के परीक्षक अधिकारियों ने राज्य की विभिन्न अदालतों में चलते मुकदमों के दौरान दोषियों को न्यायिक सज़ाएं दिलाने के लिए पुख़्ता पैरवी की।उन्होंने बताया कि पिछले महीने के दौरान ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार सम्बन्धी 15 मामलों के चालान विभिन्न विशेष अदालतों में पेश किये गए। इसी महीने सरकारी कर्मचारियों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार के मामलों में और गहराई से पड़ताल करने के लिए विजीलैंस द्वारा 4 मुकदमे भी दर्ज किये गए। इसी दौरान भ्रष्टाचार सम्बन्धी लगाए गए इल्ज़ामों की पुख़्ता पड़ताल के लिए एक और विजीलैंस पड़ताल भी दर्ज की गई।और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विजीलैंस द्वारा दर्ज किये मामलों की सुनवाई के दौरान पिछले महीने दो विभिन्न विशेष अदालतों ने दो सरकारी कर्मचारियों को सज़ाएं और जुर्माने किये हैं जिनमें मोगा में तैनात कानूनगो गुरमेल सिंह और पटवारी सोहन सिंह को मोगा की अदालत द्वारा 4-4 साल की कैद और पाँच-पाँच हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है।इस तरह दूसरे केस में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के कांस्टीट्चूऐंट कॉलेज घनौर जि़ला पटियाला में तैनात लैक्चरर अरमान कुमार को पटियाला की अदालत द्वारा 5 साल की कैद और 20,000 रुपए का जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है।